नाथ परंपरा के अनुसार अष्ठमी को ही महानिशा पूजा कराया जाता
Navratri Puja in Gorakhnath Mandir गोरक्षपीठाधीश्वर ने हवन के बाद रात में किया महानिशा पूजा
गोरखनाथ मंदिर में नवरात्रि का हवन पूजन व महानिशा पूजा गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को संपन्न कराया। नाथ संप्रदाय की परंपरा के अनुसार हवन और महानिशा पूजा रात्रि में अष्टमी होने पर ही होता है। शनिवार को अष्टमी लगने के कारण गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने गौरी गणेश पूजन के अलावा सभी देवी-देवताओं की पूजा की।
शनिवार को शाम सात बजे वेदी पर उगे जई को सीएम योगी आदित्यनाथ व आचार्याें ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच काटा। फिर हवन वेदी पर विष्णु, रूद्र और अग्नि देवता का आह्वान के बाद दुर्गा सप्तसती के संपूर्ण पाठ के साथ हवन किया गया।
बलि के रूप में नारियल, गन्ना, केला, जायफर आदि का सात्विक बलि दिया गया। आखिर में आरती और क्षमायाचना के बाद प्रसाद वितरण हुआ। इसके बाद रात में अष्टमी की विशेष महानिशा पूजा को नाथ परंपरा के अनुसार वैदिक मंत्रों के बीच गोरक्षपीठाधीश्वर ने संपन्न कराया।
गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने बताया कि शारदीय नवरात्र शक्ति संग्रह का महापर्व है। नवरात्र में विधि पूर्वक महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती की समष्ठी रूप, अष्टभुजा दुर्गा के प्रत्यक्ष रूप से विधि पूर्वक पूजन करने का विधान शास्त्रों में बताया गया है।
CM Yogio Adityanath ने बताया कि महाष्टमी का महानिशा पूजा और सात्विक पंचबलि से न केवल शारीरिक और मानसिक क्लेश दूर होते है अपितु शक्ति संचय के साथ-साथ यश और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।