आंकड़ों के मुताबिक गोरखपुर मण्डल में 14 लाख 38 हजार 199 व्यक्तिगत शौचालय निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन इसके सापेक्ष अब तक महज एक लाख 40 हजार 163 का ही निर्माण हो सका है। यह लक्ष्य से काफी कम है। यानी लक्ष्य के सापेक्ष केवल 9.74 प्रतिशत ही शौचालय निर्माण हो सका है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जिला गोरखपुर में भी शौचालय निर्माण काफी धीमी है। यहां 4 लाख 62 हजार 843 शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य है। लेकिन अब तक महज 51 हजार 834 का ही निर्माण हो सका है। यह बात अलग है कि मुख्यमंत्री के जिले का हाल आंकड़ों में अन्य जनपदों से अधिक है।
दूसरे पायदान पर मंडल का कुशीनगर जिला है। यहां 4 लाख 20 हजार 15 शौचालयों के निर्माण के लक्ष्य के सापेक्ष 47 हजार 224 की प्रगति दर्ज कर अधिकारी अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। यह निर्माण लक्ष्य का करीब 11.24 प्रतिशत ही है। कुशीनगर बीजेपी के कद्दावर नेता काबीना मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का क्षेत्र है। नेपाल सीमा से सटे महराजगंज जनपद का हाल सबसे खराब है। इस जिले में 2 लाख 89 हजार 847 के सापेक्ष 13 हजार 970 शौचालयों का निर्माण हो सका है। यह लक्ष्य का करीब 4.81 फीसदी है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले बीजेपी के बुजुर्ग नेता कलराज मिश्र के जनपद देवरिया में भी शौचालय निर्माण धीमी गति से हो रहा। इस जिले में 2 लाख 55 हजार 748 शौचालय का निर्माण इस वित्तीय वर्ष में होना है। लेकिन लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक 24 हजार 745 शौचालयों का निर्माण हो सका है। यह आंकड़े उस स्थिति में हैं जब प्रदेश के आला अधिकारियों से लेकर कमिश्नर व सम्बंधित डीएम लगातार मॉनिटरिंग कर रहे।