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Six Month of Yogi Govt: मुख्यमंत्री के जिले में स्वच्छता अभियान को पलीता, बन पाए सिर्फ 10 प्रतिशत शौचालय PART 2

locationगोरखपुरPublished: Sep 19, 2017 09:49:32 pm

योगी सरकार में स्वच्छता अभियान को लगा पलीता, मुख्यमंत्री के जिले गोरखपुर में ही लक्ष्य का महज 11.199 प्रतिशत बन सका शौचालय।

Swachhata Abhiyan Fail in Gorakhpur

गोरखपुर में स्वच्छता अभियान फेल, नहीं बन सके पूर शौचालय

धीरेन्द्र विक्रमादित्य गोपाल

गोरखपुर. केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार हो या प्रदेश की योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार, दोनों नेतृत्व स्वच्छता को लेकर खासा जागरूक है। 2014 में प्रधानमन्त्री के रूप में नरेंद्र मोदी के शपथ के बाद स्वच्छता एक अभियान बन गया। कॉरपोरेट घरानों से लेकर बॉलीवुड भी उनकी रंग में रंगा नजर आया, बड़े उद्योगपति हो या फिल्म जगत की हस्तियां सब हाथों में झाड़ू उठाये नजर तो आये ही ‘टॉयलेट: एक प्रेम कथा’ फिल्म भी आ गई। लेकिन इतना सब होने के बाद सरकारी तंत्र स्वच्छता अभियान में फिसड्डी साबित हो रहा।
हर घर में शौचालय बनाने का लक्ष्य तो तय है लेकिन उसको बनवाने में लालफीताशाही फेल होती दिख रही। सबसे बुरा हाल मुख्यमंत्री के गृह जनपद व उनके मंडल के ज़िलों का है। मंडल के चारों जिलों में हुए ओपन डिफिकेशन फ्री (ओडीएफ) कार्य के आंकड़े बता रहे हैं कि प्रशासनिक मशीनरी किस हद तक लापरवाह है। आलम यह है कि मंडल के सभी जिलों में अब तक लक्ष्य के महज 9.74 प्रतिशत शौचालय निर्माण का कार्य ही हो सका है। मुख्यमंत्री के जिले की स्थिति ख़राब तो हैं लेकिन यह अन्य जिलों से थोड़ी बेहतर हैं। यहां 11.199 प्रतिशत शौचालय निर्माण हुआ है। जबकि महराजगंज की स्थिति सबसे खराब साढ़े चार फीसदी से कुछ ज्यादा है।
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आंकड़ों के मुताबिक गोरखपुर मण्डल में 14 लाख 38 हजार 199 व्यक्तिगत शौचालय निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन इसके सापेक्ष अब तक महज एक लाख 40 हजार 163 का ही निर्माण हो सका है। यह लक्ष्य से काफी कम है। यानी लक्ष्य के सापेक्ष केवल 9.74 प्रतिशत ही शौचालय निर्माण हो सका है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जिला गोरखपुर में भी शौचालय निर्माण काफी धीमी है। यहां 4 लाख 62 हजार 843 शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य है। लेकिन अब तक महज 51 हजार 834 का ही निर्माण हो सका है। यह बात अलग है कि मुख्यमंत्री के जिले का हाल आंकड़ों में अन्य जनपदों से अधिक है।

दूसरे पायदान पर मंडल का कुशीनगर जिला है। यहां 4 लाख 20 हजार 15 शौचालयों के निर्माण के लक्ष्य के सापेक्ष 47 हजार 224 की प्रगति दर्ज कर अधिकारी अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। यह निर्माण लक्ष्य का करीब 11.24 प्रतिशत ही है। कुशीनगर बीजेपी के कद्दावर नेता काबीना मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का क्षेत्र है। नेपाल सीमा से सटे महराजगंज जनपद का हाल सबसे खराब है। इस जिले में 2 लाख 89 हजार 847 के सापेक्ष 13 हजार 970 शौचालयों का निर्माण हो सका है। यह लक्ष्य का करीब 4.81 फीसदी है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले बीजेपी के बुजुर्ग नेता कलराज मिश्र के जनपद देवरिया में भी शौचालय निर्माण धीमी गति से हो रहा। इस जिले में 2 लाख 55 हजार 748 शौचालय का निर्माण इस वित्तीय वर्ष में होना है। लेकिन लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक 24 हजार 745 शौचालयों का निर्माण हो सका है। यह आंकड़े उस स्थिति में हैं जब प्रदेश के आला अधिकारियों से लेकर कमिश्नर व सम्बंधित डीएम लगातार मॉनिटरिंग कर रहे।
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