कैसे काम करेगा यह स्मार्ट मीटर घरों में लगने वाले इस स्मार्ट मीटर में ऐसा डिवाइस लगा रहेगा जो हमारे आसपास के मोबाइल टावर्स के माध्यम से सिग्नल बिजली कंपनियों में लगने वाले रिसीवर तक पहुंचा सकेगा। इससे बिजली कंपनियों के दफ्तरों से मीटर की रीडिंग की निगरानी हो सकेगी। यही नहीं उपभोक्ता स्मार्ट मीटर का एक एप डाउनलोड कर इससे कनेक्ट हो सकेगा। इससे उसे फायदा यह होगा कि वह मोबाइल से मीटर की निगरानी कर सकेगा। एप पर उपभोग की रीडिंग आ सकती है। वह जान सकेगा कि उसका मीटर तेज चल रहा या धीमे। जब चाहे वह रीडिंग जानकर मीटर सही है या गलत यह जान सकता है। इसके साथ ही एप आपको एलर्ट भी करता रहेगा कि मीटर तेज चल रहा या धीमे। कहीं कोई फाल्ट होने पर भी आसानी से जानकारी मिल सकेगी। इसी के साथ बिजली विभाग भी बिजली चोरी पर नजर रख सकेगा।
स्मार्ट मीटर दोनों कनेक्शनों प्रीपेड या पोस्टपेड पर लगाया जा सकता है। बिजली मीटर से छेड़छाड़ होने पर अलर्ट मेसेस विभाग को चला जाएगा। कोई भी अधिकारी कहीं से किसी उपभोक्ता के बिजली की खपत और मीटर की रीडिंग जान सकेगा।
स्मार्ट मीटर दोनों कनेक्शनों प्रीपेड या पोस्टपेड पर लगाया जा सकता है। बिजली मीटर से छेड़छाड़ होने पर अलर्ट मेसेस विभाग को चला जाएगा। कोई भी अधिकारी कहीं से किसी उपभोक्ता के बिजली की खपत और मीटर की रीडिंग जान सकेगा।
पहले चरण में पूर्वांचल में बिजली रोकने के लिए लगाया जाएगा टेस्टिंग के तौर पर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम क्षेत्र के महानगरों को चुना गया है। सबसे पहले इन महानगरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। बिजली निगम की तैयारियों और दावों पर अगर यकीन करें तो जून माह में यह मीटर महानगरों यथा गोरखपुर, बनारस आदि में लगेंगे। गोरखपुर के करीब पौने दो लाख उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर मुहैया कराने की तैयारी है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के महानगरों के चालीस लाख उपभोक्ताओं को यह मीटर उपलब्ध कराया जाएगा। यहां सफलता मिलने पर छोटे शहरों में भी काम शुरू हो जाएगा।