यूपी के गोरखपुर में मतगणना विवादों में घिरती दिख रही है। अभी तक पहले राउंड का परिणाम घोषित न होने से लोग सवाल करने लगे हैं। सूत्रों की मानें तो गोरखपुर सीट की दो शहरी विधानसभा को छोड़ भाजपा तीन अन्य में पिछड़ चुकी है। डीएम से इस संबंध में पूछने पर उन्होंने कहा कि अभी मतगणना जारी है। कुछ देर में पहले राउंड का परिणाम आएगा। हालांकि सीएम से जुड़ी सीट होने के कारण देशभर की निगाहें इस पर लगी हुई हैं।
फूलपुर और गोरखपुर उपचुनाव के लिए मतगणना शुरू हो चुकी है। पहला रुझान गोरखपुर से मिल रहा है, जहां बीजेपी और समाजवादी पार्टी में कांटे की टक्कर है। पोस्टल बैलेट में बीजेपी ने 13 वोटों से सपा प्रत्याशी पर बढ़त बना ली है।
उधर, लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले शहर पश्चिमी विधानसभा के मतों की गिनती सबसे पहले की जा रही है। यहां 30 राउंड में गणना होगी। अतीक अहमद यहीं से पांच बार विधायक रहे।
पहला आधिकारिक रुझान अब से कुछ देर में आएगा। फूलपुर सीट उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या और गोरखपुर सीट सीएम योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे के कारण रिक्त हुई थी।
दरअसल, गोरखपुर और फूलपुर चुनाव यूपी की सियासत का भविष्य साबित करने वाला चुनाव बना। इसे लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल भी माना गया। चुनाव में योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्या, अखिलेश यादव और बाहुबली अतीक अहमद की प्रतिष्ठा दाव पर थी। अतीक अहमद ने जेल से चुनाव लड़ा था।
दरअसल, गोरखपुर और फूलपुर चुनाव यूपी की सियासत का भविष्य साबित करने वाला चुनाव बना। इसे लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल भी माना गया। चुनाव में योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्या, अखिलेश यादव और बाहुबली अतीक अहमद की प्रतिष्ठा दाव पर थी। अतीक अहमद ने जेल से चुनाव लड़ा था।
कम मतदान ने बिगाड़ा था खेल
फूलपुर और गोरखपुर उपचुनावों में राजनीतिक दलों ने जितनी ऊर्जा लगाई, उतना उत्साह मतदाताओं में नहीं दिखा था। दोनों सीटों पर मतदान कम होने से राजनीतिक दलों सारा गणित फेल हो गया था।
2014 में भारी मतों से जीती थी भाजपा
फूलपुर में भाजपा ने 2014 में भारी मतों से विजय प्राप्त की थी। फिर 2017 में फूलपुर के सांसद केशव प्रसाद मौर्या के डिप्टी सीएम बनने के बाद यह सीट रिक्त हो गई थी, जिसके कारण आयोग ने चुनाव कराए। इस चुनाव में भाजपा ने वाराणसी के पूर्व महापौर कौशलेंद्र पटेल को मैदान में उतारा, जबकि सपा ने भी पटेल चेहरे पर दाव खेला। कांग्रेस ने यहां से ब्राह्मण चेहरे के रूप में मनीष मिश्रा को टिकट दिया। चुनाव और रोचक तब हो गया जब बाहुबली अतीक अहमद ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक दी।
फूलपुर में भाजपा ने 2014 में भारी मतों से विजय प्राप्त की थी। फिर 2017 में फूलपुर के सांसद केशव प्रसाद मौर्या के डिप्टी सीएम बनने के बाद यह सीट रिक्त हो गई थी, जिसके कारण आयोग ने चुनाव कराए। इस चुनाव में भाजपा ने वाराणसी के पूर्व महापौर कौशलेंद्र पटेल को मैदान में उतारा, जबकि सपा ने भी पटेल चेहरे पर दाव खेला। कांग्रेस ने यहां से ब्राह्मण चेहरे के रूप में मनीष मिश्रा को टिकट दिया। चुनाव और रोचक तब हो गया जब बाहुबली अतीक अहमद ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक दी।