ओडीओपी योजना देगी कारोबार को रफ्तार
हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश सरकार की वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट यानि ओडीओपी योजना की। हर जिले के किसी न किसी उत्पाद को इसके अंतर्गत चयनित करके उसके कारोबार को बढ़ावा दिया जा रहा है। सूबे के करीब हर जिले में ओडीओपी के तहत प्रोडक्ट चयनित किये गए हैं, बल्कि कई जिलों में दो दूसरा उत्पाद भी चुना गया है। गोरखपुर में भी टेराकोटा के बाद वहां के रेडिमेड गारमेंट को ओडीओपी योजना के अंतर्गत दूसरे प्रोडक्ट के तौर पर चयनित किया गया है। गोरखपुर में रेडिमेट गारमेंट उद्योग में काफी संभावनाएं हैं और यहां हजारों लोग इस पेशे से जुड़कर रोजगार भी करते हैं।
20 लाख तक मिलेगा अनुदान
उपायुक्त उद्योग आरके शर्मा के मुताबिक ओडीओपी के रूप में चयनित रेडीमेड गारमेंट की यूनिट लगाने वालों को बड़ा लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत ऑनलाइन अप्लाई कर लोन लिया जा सकता है। योजना के तहत निर्माण, सेवा एवं व्यवसाय के क्षेत्र में वित्त पोषण के लिए 25 लाख तक की कुल परियोजना लागत वाली यूनिट को 25 फीसद या अधिकतम 6.25 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा। यह सुविधा ओडीओपी उत्पादक इकाईयों को ही मिलेगी।
आवेदक ने अगर किसी स्वरोजगार योजना का लाभ न लिया हो तो 25 लाख से अधिक और 50 लाख तक की परियोजना लागत वाली यूनिट को 20 फीसद (दोनों में जो अधिक हो) मार्जिन के रूप में देय होगी। 50 लाख से अधिक एवं 1.50 करोड़ रुपये लागत की इकाई के लिए 10 लाख या 10 फीसद में से जो भी अधिक होगा, मार्जिन मनी के रूप में दिया जाएगा। 1.50 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना लागत वाली इकाई को 10 फीसद या अधिकतम 20 लाख मार्जिन मनी के रूप में मिलेगा। आवेदक की उम्र 18 साल होनी चाहिये।
3000 से अधिक लघु उद्यमियों को लाभ
गोरखपुर में बड़े पैमाने पर कपड़े का कारोबार किया जाता है। छोटे-बड़े मिलाकर 6000 से ज्यादा पावरलूम इस क्षेत्र में हैं। तीन बड़े प्रासेस हाउस भी यहां संचालित होते हैं। रसूलपूर, पिपरापुर, गोरखनाथ, जाहिदाबाद, बरगदवा के क्षेत्र में लगभग 3000 लघु उद्यमी रेडीमेड गारमेन्ट व्यवसाय में लगे हुए हैं। ओडीओपी में शामिल होने के बाद इस सेक्टर को काफी फायदा होगा। गीडा (गोरखपुर इंडस्ट्रियल डेवेलपमेंट अथाॅरिटी) और जिले के अन्य स्थानों पर भी रेडीमेड गारमेंट की एक दर्जन से अधिक इकाइयां हैं। महिलाओं का समूह भी अलग-अलग तरह के कपड़े तैयार करता है।