दरअसल, दस साल का सिराज सोमवार की रात 9 बजे खड्डा रेलवे स्टेशन पर बैठा रो रहा था। उसी दौरान एक ट्रेन से स्टेशन पर उतरी खड्डा खुर्द की रंजना की नजर उस पर पड़ी। रंजना ने उसके पास पहुंचकर रोने का कारण पूछा तो बच्चे ने आपबीती बताई। इस पर रंजना उसे अपने घर ले गई। मंगलवार की शाम को उसने बच्चे के बारे में पुलिस को सूचना दी।
एसआई राजेश कुमार और जीतबहादुर यादव के पहुंचने पर महिला ने बच्चे को उन्हें सौंप दिया। पुलिस को बच्चे ने बताया कि उसकी सगी मां की मौत होने के बाद पिता खजबुद्दीन ने दूसरी शादी कर ली। उससे तीन बेटियां हुईं। बाद में पिता की भी मौत हो गयी। इसके बाद संपत्ति के लालच में सौतेली मां और चाचा उसको प्रताड़ित करने लगे। इससे तंग आकर वह घर से भागकर गोरखपुर पहुंच कर एक होटल में काम करने लगा। लेकिन वहां पर कुछ दिन काम कराने के बाद उसे पैसा नहीं देकर भगा दिया गया। इसके बाद वह दोबारा घर पहुंचा।
आरोप है कि चाचा ने उसके शरीर में कई जगह बिजली के करंट से झटके दिए। उसे बुरी तरह मारा पीटा। बच्चे ने बताया कि सौतेली मां और चाचा उसे मारकर संपत्ति हड़पना चाहते हैं। इससे वह घर से निकला और ट्रेन से खड्डा पहुंच गया। एसआई राजेश कुमार ने कहा कि बच्चा अपने घर जाने को तैयार नहीं है। उसकी सुरक्षा को देखते हुए चाइल्ड लाइन से संपर्क किया गया है। कोई पुख्ता इंतजाम होने तक बच्चा पुलिस की सुरक्षा में रहेगा।
BY- Dheerendra Gopal