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स्वामी प्रसाद मौर्य क्यों चाहते हैं इन सीटों पर अपने प्रत्याशी

locationगोरखपुरPublished: Jan 15, 2017 07:05:00 pm

पडरौना सीट से खुद विधायक हैं स्वामी और गोरखपुर, बस्ती मण्डल में कई सीटों पर चाहते हैं अपने प्रत्याशी।

Swami Prasad Maurya

Swami Prasad Maurya

गोरखपुर. बहुजन समाज पार्टी से भारतीय जनता पार्टी में आये पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या गोरखपुर-बस्ती मंडल में कम से कम आधा दर्जन सीट चाहते हैं। इन सीटों पर अपनी पसंद का ही प्रत्याशी वह चाहते हैं। लेकिन भाजपा पडरौना सीट ही देना चाहती है। पडरौना से स्वामी प्रसाद मौर्या खुद विधायक हैं। पडरौना से वह लगातार दो बार से जीत हासिल कर रहे हैं।



कुशीनगर में एंट्री कर गोरखपुर-बस्ती मंडल की राजनीति में दखल दिया
2007 में प्रदेश में बसपा की सरकार बनने के बाद तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष और सहकारिता मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने गोरखपुर-बस्ती मंडल की राजनीति में पहली बार हस्तक्षेप किया था। 2008 में वह कुशीनगर पहुंचे और इसे अपनी कर्मभूमि बनाने का ऐलान किया। इसके बाद तो पूर्वी उत्तर प्रदेश की राजनीति को वह कुशीनगर से ही हस्तक्षेप करने लगे। हालांकि, 2009 के लोकसभा चुनाव में मजबूती से लड़ने के बावजूद यहाँ की जनता ने उनको स्वीकार नहीं किया। स्वामी यहां कांग्रेस प्रत्याशी और पडरौना विधायक आरपीएन सिंह से चुनाव हार गए।



पहली बार बसपा का खाता खोला कुशीनगर में
हार के बाद भी स्वामी प्रसाद कुशीनगर की जनता के बीच लगातार बने रहे। उसका नतीजा यह रहा कि पडरौना सीट पर हुए उपचुनाव में स्वामी रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल किए। यह बसपा के लिए बड़ी उपलब्धि थी। वजह यह कि कई बार प्रदेश में सरकार बनाने वाली बसपा का इसके पहले कुशीनगर की एक भी सीट पर खाता नहीं खुल सका था।



जीत के बाद दोनों मंडलों में अपने लोगों को बनाया प्रत्याशी
पडरौना से विधायक बनने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्या का राजनीतिक कद काफी बढ़ गया। दोनों मंडलों में कौन किस सीट से लड़ेगा यह स्वामी प्रसाद मौर्या तय करने लगे। अपने खास लोगों को टिकट दिया, महत्वपूर्ण पदों तक पहुंचाया। आलम यह हुआ कि बसपा में अगर किसी को टिकट चाहिए था तो वह स्वामी प्रसाद मौर्या के साथ जुड़ता। यही नहीं इस बीच उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं की एक लंबी फौज तक खड़ी कर ली।



भाजपा में आने पर अपने लोगों को साथ लाये
बसपा छोड़ने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्या से जुड़े सैकड़ों नेता, दर्जनों प्रतिनिधि भाजपा में आये। सबको यह आस है कि जो जिस लायक है उसको वैसे स्वामी भाजपा में फिट करेंगे। इन सीटों को चाहते हैं स्वामी प्रसाद




स्वामी भी अपने कार्यकर्ताओं के इस विश्वास को तोडना नहीं चाहते। यही वजह है कि वह अपने लिए 30 सीट मांग रहे। इसमें करीब आधा दर्जन सीट गोरखपुर-बस्ती मंडल की हैं। पूर्व मंत्री के करीबी बताते हैं कि वह गोरखपुर ग्रामीण, पडरौना, फाजिलनगर विधानसभा सीट के अलावा देवरिया, बस्ती और सिद्धार्थनगर में एक-एक सीट के लिए अड़े हैं।
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