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दस साल के बच्चे के दोनों किडनी में थी पथरी, इस तरह हो सका आॅपरेशन

locationगोरखपुरPublished: Oct 15, 2019 02:39:13 am

पिता के साए से महरूम गरीब वीरबहादुर अब कर रहा मोदी की इस योजना का गुणगान

दस साल के बच्चे के दोनों किडनी में थी पथरी, इस तरह हो सका आॅपरेशन

दस साल के बच्चे के दोनों किडनी में थी पथरी, इस तरह हो सका आॅपरेशन

दस साल के बच्चे वीर बहादुर के लिए आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat) वरदान साबित हुयी है। उसके दोनों गुर्दों (Kidney)की पथरी (Stone)की निशुल्क सर्जरी हो गयी और वह धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहा है। कुछ ही दिनों पहले वीर बहादुर के सिर से पिता का साया उठ चुका था। मां कहती हैं कि आयुष्मान भारत योजना पिता का साया साबित हुयी है।
वीर बहादुर के गुर्दे में पथरी है, यह बात दो साल पहले ही परिवार वालों को पता चल गयी थी लेकिन घर की माली हालत ठीक न होने के कारण चाह कर भी इलाज नहीं करा पा रहे थे। जहां भी जाते एक-डेढ़ लाख का खर्चा बताया जाता। गगहा (Gagaha)इलाके के रियाय गांव Riyaya village)का निवासी वीर बहादुर(Veer Bahadur) का परिवार बड़हलगंज (Barhalganj)स्थित दुर्गावती हास्पिटल (Durgawati hospital) पहुंच गया, जहां जांच के बाद सर्जन डाॅ. मनोज यादव (Dr.Manoj Yadav) ने पता करवाया तो यह परिवार आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojna) के तहत आच्छादित था।
अस्पताल के आरोग्य मित्र स्नेहिल शर्मा ने वीर बहादुर के परिवार को समझाया कि गोल्डेन कार्ड बनने के बाद उसी अस्पताल में आपरेशन निशुल्क हो जाएगा। 12 जुलाई को वीर बहादुर के एक गुर्दे की सर्जरी हुई और 16 जुलाई को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। वह धीरे-धीरे ठीक हो रहा था कि इस परिवार पर दुखो का का नया पहाड़ टूट पड़ा। वीर बहादुर के पिता त्रिलोकी प्रसाद का निधन हो गया। बच्चे की मां दुर्गती देवी परेशान हो गयीं कि बच्चे के दूसरे गुर्दे की पथरी का इलाज हो भी पाएगा या नहीं। वह सर्जन डा. मनोज यादव के पास फिर गयीं। डा. यादव ने उन्हें भरोसा दिलाया कि दूसरी पथरी का इलाज भी निशुल्क होगा। योजना के तहत पांच लाख तक का निशुल्क इलाज होता है। एक बार फिर 30 सितम्बर को वीर बहादुर को भर्ती कर सर्जरी की गयी और 06 अक्टूबर को उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
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11 हजार ले चुके हैं लाभ

आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी व अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (एसीएमओ) डा. नीरज कुमार पांडेय ने बताया कि योजना के तहत जिले में कुल 11,158 लोग योजना के तहत बीमारियों का इलाज करा चुके हैं। ह्रदय रोग, घुटना प्रत्यारोपण, कैंसर समेत कुल 1416 प्रकार की बीमारियों का इलाज इस योजना के तहत होता है। योजना से कुल 2.99 लाख लाभार्थी परिवार आच्छादित हैं जिसके सापेक्ष 1.91 लाख गोल्डेन कार्ड बनाए जा चुके हैं। कुल 69 अस्पताल योजना के तहत सूचीबद्ध हैं जिनमें 54 निजी अस्पताल और 15 सरकारी अस्पताल हैं। 1217 मरीजों का इलाज करके गुरू गोरक्षनाथ अस्पताल निजी श्रेणी में प्रथम स्थान पर, जबकि 1689 मरीजों का इलाज कर बीआरडी मेडिकल कालेज स्थित नेहरू अस्पताल सरकारी श्रेणी में प्रथम स्थान पर है।
प्रत्येक परिवार में गोल्डेन कार्ड पहुंचाना लक्ष्य

सीएमओ डाॅ.श्रीकांत तिवारी (CMO Shrikant Tiwari)कहते हैं कि आयुष्मान भारत योजना का लाभ प्रत्येक लाभार्थी को मिल सके, इसके लिए प्रत्येक लाभार्थी परिवार में गोल्डेन कार्ड (Golden card) पहुंचाने का प्रयास चल रहा है। विशेष अभियान चला कर गोल्डेन कार्ड बनाए जा रहे हैं। योजना का लाभ उन्हीं लाभार्थियों को मिलता है जिनका नाम सूची में है। सूची संबंधित इलाके के आशा कार्यकर्ता के पास मौजूद है।
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