धुआं या आग का संकेत मिलते ही सक्रिय हो जाएगा सेंसर- गोरखपुर रूट पर चलने वाली 12565 बिहार संपर्क क्रांति और 12557 सप्तक्रांति एक्सप्रेस की पेंट्रीकार में सिस्टम लग चुका है। सेंसर व प्रेशरयुक्त अग्निशमन यंत्र के तहत दो सिलेंडर और पाइप पेंट्रीकार में लगाए गए हैं। एक सिलेंडर में 24 लीटर नाइट्रोजन तथा दूसरे में करीब 50 लीटर पानी भरा रहता है। धुंआ या आग का संकेत मिलते ही सिस्टम में लगा सेंसर सक्रिय हो जाताहै। अलार्म बजने के साथ दोनों सिलेंडर क्रियाशील होकर प्रेशर बनाने लगते हैं। कुछ देर में नाइट्रोजन और पानी का मिश्रण पाइपों में प्रवाहित होने लगता है। दबाव बढ़ते ही वाल्व खुल जाते हैं और पेंट्रीकार में नाइट्रोजन मिश्रित पानी की बौछार शुरू हो जाती है।
आग की घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश लगाने के लिए रेल मंत्रालय ने प्रथम चरण में पेंट्रीकारों को सुरक्षित करने की योजना बनाई है। नई व्यवस्था के तहत नई एलएचबी वातानुकूलित पेंट्रीकारों में यह सिस्टम लगाए जा रहे हैं। दूसरे चरण में एचएलबी वातानुकूलित कोचों में यह सिस्टम लगाने की तैयारी है।
पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा को लेकर पूर्वोत्तर रेलवे पूरी तरह प्रतिबद्ध है। संरक्षा को लेकर बोर्ड के जो भी निर्देश हैं उसका पालन कराया जा रहा है।