Read this also: Gandhi Jayanti Special बापू के नुस्खे से होगा इन सेंटर्स पर बच्चों का इलाज यह कहानी संतकबीरनगर के बेलहर कला की सूका की है। 75 साल की सूका पिछले 29 साल से खुद को जीवित साबित करने में लगी थी। हालांकि, वह इन सालों में साहबों के सामने खुद को जीवित तो नहीं साबित कर सकी थी लेकिन उसकी आंखों की रोशनी, सुनने की क्षमता क्षीण होती गई। शरीर जवाब देता जा रहा था और अपने पैरों पर चलने वाली सूका लाठी के सहारे आ चुकी थी।
दरअसल, 29 साल पहले सूका पत्नी स्व.देवता की जमीन को हथियाने की नीयत से कुछ लोगों ने परिवार रजिस्टर में उसे मृत बना दिया। जमीन पर विरोधी कब्जा हो गए। इधर, सूका साक्षात जब भी साहबों के सामने प्रस्तुत होती तो उसके जिंदा होने का सबूत मांगा जाने लगा। सूका दर-ब-दर होने लगी। कोई चैखट ऐसा नहीं होगा जहां का दरवाजा उसने न खटखटाया हो।
थकहारकर बुजुर्ग महिला ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर चेताया कि अगर उसे न्याय नहीं मिला तो वह आत्मदाह कर लेगी। इस पत्र के शासन में पहुंचते ही हड़कंप मच गया। आनन फानन में जांच बिठाया गया। प्रशासनिक अफसरों की पूर्व की रिपोर्ट को दरकिनार कर पुलिस जांच कराई गई तो सूका जिंदा मिली। पता चला कि सूका हर बार चुनाव में वोट डालने जाती है। उसके पास मतदाता पहचान पत्र है। मेंहदावल के पीएनबी शाखा में उसका खाता भी है जहां वह लेनदेन करती है। यही नहीं उसके पास आधार सहित कई अन्य दस्तावेज भी मिले।
इतने सारे दस्तावेजों के होने के बाद भी सूका कैसे मृत घोषित हो गई यह समझ के परे बताया गया। पुलिस रिपोर्ट के बाद सूका को जिंदा घोषित कर दिया गया और उसका परिवार रजिस्टर में नाम दर्ज कर प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया।
दरअसल, 29 साल पहले सूका पत्नी स्व.देवता की जमीन को हथियाने की नीयत से कुछ लोगों ने परिवार रजिस्टर में उसे मृत बना दिया। जमीन पर विरोधी कब्जा हो गए। इधर, सूका साक्षात जब भी साहबों के सामने प्रस्तुत होती तो उसके जिंदा होने का सबूत मांगा जाने लगा। सूका दर-ब-दर होने लगी। कोई चैखट ऐसा नहीं होगा जहां का दरवाजा उसने न खटखटाया हो।
थकहारकर बुजुर्ग महिला ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर चेताया कि अगर उसे न्याय नहीं मिला तो वह आत्मदाह कर लेगी। इस पत्र के शासन में पहुंचते ही हड़कंप मच गया। आनन फानन में जांच बिठाया गया। प्रशासनिक अफसरों की पूर्व की रिपोर्ट को दरकिनार कर पुलिस जांच कराई गई तो सूका जिंदा मिली। पता चला कि सूका हर बार चुनाव में वोट डालने जाती है। उसके पास मतदाता पहचान पत्र है। मेंहदावल के पीएनबी शाखा में उसका खाता भी है जहां वह लेनदेन करती है। यही नहीं उसके पास आधार सहित कई अन्य दस्तावेज भी मिले।
इतने सारे दस्तावेजों के होने के बाद भी सूका कैसे मृत घोषित हो गई यह समझ के परे बताया गया। पुलिस रिपोर्ट के बाद सूका को जिंदा घोषित कर दिया गया और उसका परिवार रजिस्टर में नाम दर्ज कर प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया।