Read this also: दूसरी औरत के चक्कर में पति ने घर बेचा, ऐतराज करने पर दे दिया तलाक, अब तीन बेटियों को लेकर कहां जाए शाहजहां दरअसल, ट्रिपल तलाक कानून 31 जुलाइ को पास हुआ था। शहर के इलाहीबाग के रहने वाले मोहम्मद उमर ने 28 जुलाई को अपनी पत्नी तरन्नुम को उसके मायका जाकर पहुंच कर तीन तलाक (Teen Talaq)दे दिया। तरन्नुम के पिता कल्लू रेलवे के कर्मचारी हैं और वह बिछिया काॅलोनी में रहते हैं।
तहरीर के मुताबिक तरन्नुम का निकाह मोहम्मद उमर से 16 सितंबर 2017 हुआ था। निकाह में तरन्नुम के घरवालों ने बेटी को पांच लाख रुपये से अधिक के गहने दिए। लेकिन ससुराल जाते ही उसके सास-ससुर ने गहने अपने पास रख लिए। पीड़िता के अनुसार शादी के कुछ महीना बाद से ही उसे दहेज व अन्य बातों को लेकर प्रताड़ित किया जाने लगा। वह मायके की माली हालत ठीक नहीं होने की बात कहती तो उसके ससुराल वाले बेहद बुरी तरह से प्रताड़ित करने लगे। 2 मई 2018 को उसे दो लाख रुपये के लिए घर से निकाल दिया गया। मामला बिगड़ने पर परिवार न्यायालय में दोनों पक्ष पहुंचा। महिला ने कहा कि वह किसी तरह शादी को बचाने के पक्ष में रही। लेकिन सारी कोशिश बेकार साबित हुई। 27 जुलाई को उसके पति ने एक दिन तीन तलाक दे दिया। तीन तलाक के खिलाफ महिला थाने पहुंची लेकिन उसका मामला दर्ज नहीं हुआ। पुलिस का तर्क यह था कि महिला को तलाक ट्रिपल तलाक पर कानून बनने के चार दिन पहले मिला है। महिला ने सीएम के पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कराई। सीओ गोरखनाथ प्रवीण सिंह को जांच मिली। फिर पुलिस ने इस प्रकरण में विधिक राय मांगी। विधि विशेषज्ञों ने सुझाया कि अध्यादेश 2018 के आधार पर केस दर्ज किया जा सकता है। इसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर ली।
तहरीर के मुताबिक तरन्नुम का निकाह मोहम्मद उमर से 16 सितंबर 2017 हुआ था। निकाह में तरन्नुम के घरवालों ने बेटी को पांच लाख रुपये से अधिक के गहने दिए। लेकिन ससुराल जाते ही उसके सास-ससुर ने गहने अपने पास रख लिए। पीड़िता के अनुसार शादी के कुछ महीना बाद से ही उसे दहेज व अन्य बातों को लेकर प्रताड़ित किया जाने लगा। वह मायके की माली हालत ठीक नहीं होने की बात कहती तो उसके ससुराल वाले बेहद बुरी तरह से प्रताड़ित करने लगे। 2 मई 2018 को उसे दो लाख रुपये के लिए घर से निकाल दिया गया। मामला बिगड़ने पर परिवार न्यायालय में दोनों पक्ष पहुंचा। महिला ने कहा कि वह किसी तरह शादी को बचाने के पक्ष में रही। लेकिन सारी कोशिश बेकार साबित हुई। 27 जुलाई को उसके पति ने एक दिन तीन तलाक दे दिया। तीन तलाक के खिलाफ महिला थाने पहुंची लेकिन उसका मामला दर्ज नहीं हुआ। पुलिस का तर्क यह था कि महिला को तलाक ट्रिपल तलाक पर कानून बनने के चार दिन पहले मिला है। महिला ने सीएम के पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कराई। सीओ गोरखनाथ प्रवीण सिंह को जांच मिली। फिर पुलिस ने इस प्रकरण में विधिक राय मांगी। विधि विशेषज्ञों ने सुझाया कि अध्यादेश 2018 के आधार पर केस दर्ज किया जा सकता है। इसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर ली।