गोरखपुर

तीन तलाक पीड़िता कौसर खातून की कहानी, जिसे भरी पंचायत में कहा गया तलाक, तलाक, तलाक…

मुख्यमंत्री के जिले में कौसर अब न्याय के लिये भटक रही है।

गोरखपुरNov 10, 2019 / 05:02 pm

रफतउद्दीन फरीद

तीन तलाक

गोरखपुर. मुख्यमंत्री के जिले में तीन तलाक की पीड़िता भटक रही है लेकिन उसको न्याय नहीं मिल पा रहा। पुलिसवाले थाना-थाना खेल रहे और जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए हैं। अब थक हारकर वह न्यायालय की शरण में है। हरपुर बुदहट क्षेत्र की रहने वाली युवती को उसके पति ने भरी पंचायत में तीन तलाक बोल कर रिश्ता खत्म कर दिया। पीड़िता का कसूर बस इतना भर था कि वह ससुराल पक्ष द्वारा अनावश्यक रूप से की जा रही दहेज की मांग को पूरी करने में सक्षम नहीं हो सकी।
सहजनवां क्षेत्र के बकुलही गांव की रहने वाली कौसर खातून की शादी करीब तीन साल पहले संतकबीरनगर के धनघटा क्षेत्र के छपरा गांव में हुई थी। युसूफ खान मुंबई में रहकर रोजगार करता है। बताया जा रहा है कि शादी के कुछ दिन बाद से पति-पत्नी में अनबन रहने लगी। पीड़िता कौशर का कहना है कि पति व ससुराल के लोग आए दिन दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे। दहेज की मांग पूरी नहीं करने पर ससुरालियों ने उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया। इसके बाद कौसर ने ससुरालियों पर दहेज उत्पीड़न करने संबंधी तहरीर दी।
कुछ दिनों बाद ससुराल पक्ष ने कौसर के घरवालों से संपर्क कर समझौता के लिए पंचायत बुलाई। पंचायत के दौरान बीते 16 अक्तूबर को कौशर के पति ने उसे तीन तलाक कहकर पूरा रिश्ता ही खत्म कर दिया।
कौसर के अनुसार वह इस मामले को लेकर हरपुर बुदहट थाने में पहुंची तो उसकी रपट दर्ज करने की बजाय उसे संतकबीरनगर के धनघटा थाने पर भेज दिया गया। धनघटा थाने पर पहुंचने पर वहां से उसे दुबारा हरपुर बुदहट भेज दिया गया। अब कौसर अपनी तहरीर लेकर न्याय की आस में इस थाने से उस थाने दौड़ लगा रही। जब दोनों जिलों की पुलिस से उसे न्याय नहीं मिली तो वह अब न्यायालय की शरण में है।
By Dheerendra Vikramaditya Gopal

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