जानकारी के मुताबिक,आरोपियों में गोरखपुर का जितेंद्र कुमार त्रिपाठी रेलवे से रिटायर्ड है तो बलिया का रहने वाला अनिल कुमार सिंह रेलकर्मी है। पुलिस ने उनके कब्जे से फर्जी कूटरचित नियुक्ति पत्र, अनुमोदन पत्र, मेडिकल के पत्र व मेडिकल प्रोफार्मा बरामद किया है। इंस्पेक्टर शशिभूषण राय ने बताया कि हरदोई जिले के तडियावां थाना क्षेत्र के अलीशाबाद निवासी रियासत अली, उनके दो मित्र दिनेश कुमार यादव निवासी अक्किलपुर थाना खैराबाद जिला सीतापुर और अनुज कुमार निवासी फर्दापुर थाना पिसावां जिला सीतापुर के साथ जितेन्द्र और अनिल ने नौकरी के नाम पर जालसाजी की है। पीड़ितों ने बताया कि ट्रेन में एसी कोच में वे अटेण्डेट का काम करते थे। 2019 के नवम्बर महीने में रियासत अली और अनुज कुमार गोरखपुर रेलवे स्टेशन से गोमती एक्सप्रेस लेकर लखीमपुर जा रहे थे। इसी दौरान एसी कोच में जितेन्द्र कुमार त्रिपाठी निवासी बलुआ थाना चिलुआताल, गोरखपुर से उनकी मुलाकात हुई।जितेन्द्र ने संविदा पर नौकरी दिलाने के नाम पर अपनी बातों में लिया। उसने उनसे कहा बाद में परमानेंट होने पर दो से ढाई लाख रुपये देने होंगे। झांसे में आए रियासत और अनुज को जितेन्द्र ने अपना मोबाइल नंम्बर दिया और यहीं से जालसाजी की शुरुआत हुई।
जनवरी 2021 में उनका एक मित्र दिनेश यादव भी जाल में फंस गया। तीनों की बातचीत जितेन्द्र कुमार त्रिपाठी से रेलवे में संविदा पर भर्ती के सम्बन्ध में होने लगी। आरोप है कि जितेन्द्र कुमार उनसे कभी एक हजार तो कभी 2 हजार, कभी 3 हजार रुपये वसूलता रहता था। अक्तूबर 2021 में जितेन्द्र ने तीनों को एक ज्वाइनिंग लेटर दिया। उसके अनुसार 9 नवम्बर 2021 को लेटर में लिखे रेलवे स्टेशन पर कुल आठ लोगों की नियुक्ति हुई थी, जिसमें रियासत अली, अनुज तथा दिनेश का भी नाम था। बाद में जितेन्द्र ने फोन करके बताया कि वह लेटर निरस्त हो गया है। नवम्बर 2021 में उसने एक दूसरा लेटर दिया, जिसमें तीनों की पोस्टिंग सीतापुर रेलवे स्टेशन पर होना बताया गया था।
दूसरा लेटर मिलने के बाद भी जब उनकी नौकरी नहीं लगी तो उन्होंने फिर जितेन्द्र से सम्पर्क किया। इस पर उसने कहा कि जैसे ही पोस्टिंग होगी, वह फोन करके बताएगा। जालसाजों ने 20 जून को तीनों को गोरखपुर बुलाया। यहां जो लेटर दिया, उस पर पीड़ितों को फर्जीवाड़े का शक हुआ। उन्होंने पुलिस से इसकी शिकायत की। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनाे को गिरफ्तार कर लिया।