आकाशीय बिजली गिरने से गोरखपुर में दो की मौत

गोरखपुुर के खजनी क्षेत्र में शनिवार को आकाशीय बिजली गिरने से दो की मौत हो गयी। दोनों खेत में धान की रोपाई का काम कर रहे थे।

गोरखपुर के खजनी क्षेत्र के पिपरा पीताम्बर गांव में शनिवार को धान की रोपाई के लिए खेत में पानी चलवाते समय आकाशीय बिजली गिरने से दो की मौत हो गयी। आकाशीय बिजली गिरने से युवक और मजदूर गंभीर रूप से झुलस गए।
जानकारीक खजनी तहसील के अधिवक्ता कृपाशंकर सिंह का 20 वर्षीय बेटा शिवम सिंह खेत में धान की रोपाई के लिए मजदूर 35 वर्षीय लाला को लेकर पानी चलवा रहे थे। इस बीच तेज आवाज के साथ आकाशीय बिजली गिरने से दोनों गंभीर रूप से झुलस गए। उनको उपचार के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। घटना के बाद गांव में मातम छा गया। परिजनों को रो-रो कर बुरा हाल है।
इतनी गर्म होती है आकाशीय बिजली-
आकाश में चमकने वाली बिजली को तड़ित कहते हैं। साधारणतया इसमें 17,000 से 27,0000C ताप होता है जोकि सूर्य की सतह से तीन से पाँच गुना ज्यादा। वैज्ञानिक ‘ठंडी’ बिजली का जिक्र करते हैं, मगर इससे अभिप्राय है कम समय (लगभग सेकेंड के हजारवें भाग) तक चमकने वाली बिजली। ‘गरम’ बिजली कहीं अधिक देर अर्थात सेकेंड के दसवें भाग तक चमकती है। गरम बिजली आग लगाती है, ठंडी बिजली प्रायः विस्फोटक गर्जना करती है।
बिजली की तीव्र ऊष्मा कौंध के मार्ग में वायु को प्रचण्ड वेग से बाँधती है। वायु इतनी तीव्रता से उसका मार्ग प्रशस्त करती है कि उसके हटने की आवाज सुनी जा सकती है। तड़ित दीपन निकट हो तो कर्णभेदी कड़कड़ाहट, तड़ित गर्जन प्रायः 11 किलोमीटर दूर तक और कभी-कभी इससे तीन चार गुना दूर तक सुनी जा सकती है।
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