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यूपी पुलिस ताकती रह गर्इ अपने देश न जाकर कोलकाता के उद्योगपतियों के साथ गई यह माॅडल

locationगोरखपुरPublished: Jun 11, 2018 11:40:53 am

पुलिस ने डारिया को उसके जमानतदारों के हवाले कर दिया

Daria Molchan

यूपी पुलिस ताकती रह गर्इ अपने देश न जाकर कोलकाता के उद्योगपतियों के साथ गई यह माॅडल

गोरखपुर। यूक्रेन की चर्चित माॅडल डारिया मोलचन की जिम्मेदारी यूक्रेनी दूतावास ने लेने से इनकार कर दिया। कई दिनों की कवायद के बाद आखिरकार पुलिस ने डारिया को उसके जमानतदारों के हवाले कर दिया। वह उसे चार्टर्ड प्लेन से ले जाना चाहते थे लेकिन एयरपोर्ट अथारिटी की इजाजत नहीं मिलने पर उसको सड़क मार्ग से वे लोग ले गए।
उधर, जमानतदार लगातार पुलिस प्रशासन पर दबाव बना रहे थे कि डारिया को उनको सौंप दी जाए। इसके लिए कई दिनों से प्रयासरत भी थे।
फर्जी वीसा-पासपोर्ट पर भारत में अवैध तरीके से आ जा रही माॅडल डारिया को गोरखपुर के एक होटल में एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था।
डारिया के पास से कई बडेे़ उद्योगपतियों व सरकारी अफसरों के साथ फोटोग्राफ्स भी एसटीएफ को मिले थे। मामला हनीट्रैप में फंसाकर देश की संवेदनशील सूचनाओं के इधर-उधर होने का होता गया। इसमें देश विरोधी ताकतों के भी शामिल होने का शक सुरक्षा एजेंसियों को हुआ था। हालांकि, अभी तक कोई ठोस सबूत इस बाबत नहीं मिल सके लेकिन डारिया के संबंध दिल्ली, गोरखपुर, कोलकाता और कश्मीर के तमाम लोगों से होने की बात साफ हुई है।
चार्टर्ड प्लेन से आए डारिया के जमानतदार

गोरखपुर में बंद यूक्रेन की माॅडल डारिया मोलचन की जमानत बीते दिनों हो गई थी। लेकिन ऐन वक्त पर गोरखपुर के दोनों जमानतदार हाथ पीछे खींच लिए थे। इसके बाद डारिया से जुड़े देश के तमाम रसूखदार लोगों ने उसके लिए जमानदारों के इंतजाम को प्रयास शुरू कर दिया था। कोलकाता के दो व्यवसायी बीते दिनों डारिया की जमानत को पहुंचे। चार्टड प्लेन से गोरखपुर ये लोग आए। कागजात तैयार कराने में काफी समय लगा तबतक चार्टड प्लेन खड़ा रहा। इसकी काफी चर्चा रही। गुरुवार को फिर डारिया रिहा की गई। उसके लिए भी चार्टड प्लेन आया और वह दिल्ली के लिए रवाना हुई थी। पुलिस डारिया को दिल्ली ले जाकर यूक्रेन की भारत में दूतावास को सौंपने की कोशिश की लेकिन यूके्रनी दूतावास ने डारिया की सुपुर्दगी लेने से इनकार कर दिया। दूतावास ने कहा कि वह बार बार उसे कोर्ट में पेश नहीं कर सकता। इसके बाद डारिया के साथ गई पुलिस उसे लेकर वापस आ गई। गोरखपुर में उच्चाधिकारियों से बातचीत करने के साथ लिखापढ़ी कर जमानतदारों को डारिया सौंप दी गई।
ऐसे मिली जमानत यूक्रेनी माॅडल को

कोलकाता से चाटर्ड प्लेन से डारिया को लेने आए वहां के दो बड़े व्यापारियों ने जमानत के कागजात सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट नंबर 3 सुरेन्‍द्र प्रताप सिंह की कोर्ट में दाखिल कराया। जज ने डारिया को जमानत दे दी। नेपाल के सोनौली बार्डर से 3 अप्रैल को अवैध रूप से भारत में घुसपैठ के बाद गोरखपुर के एक होटल से एसटीएफ ने उसे जेल भेजा था। कुछ दिन पूर्व उसे हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी लेकिन जमानतदार नहीं मिलने के कारण उसे रिहा नहीं किया गया था।

यूक्रेनी मॉडल डारिया मोलचन को इसी साल 2 अप्रैल को अवैध रूप से नेपाल के रास्‍े भारत में घुसने के बाद गोरखपुर के एक होटल से एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। उसे जेल से जमानत पर ले जाने के लिए कोलकाता के दो व्यापारी चंदारी रावत व आदर्श दो पायलट संग चार्टर प्लेन से कल गोरखपुर के सिविल कोर्ट पहुंचे थे। चार्टर प्लेन गोरखपुर एयरपोर्ट पर देर शाम तक खड़ा रहा। लेकिन, उसे बाद में वापस भेज दिया गया। गोरखपुर एयरपोर्ट पर जमानतदारों द्वारा जो प्रपत्र सौपा गया है, उसमें दो जमानतदार व दो पायलट के साथ डारिया मोलचन का नाम भी शामिल रहा है। उसे जेल से रिहा करने के बाद पुलिस की कस्टडी में दिल्‍ी स्थित यूक्रेन दूतावास के लिए रवाना कर दिया गया।
सशर्त जमानत मिली है यूक्रेनी माॅडल को, कई बार जमानतदार हटे

यूक्रेनी मॉडल डारिया मोलचन को हाईकोर्ट से सशर्त जमानत मिली है. उसके बाद बड़हलगंज क्षेत्र के रहने वाले दो सगे भाइयों ने उसकी जमानत ली थी। कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने जमानतदारों का सत्यापन कराने के लिए भेजा। बड़हलगंज पुलिस ने सत्यापन के दौरान जमानतदारों से इस संबंध में बातचीत की। वे कौन लोग हैं, क्या करते हैं, कभी विदेश गए है या नहीं। यूक्रेनी माडल को कैसे जानते हैं। तारीख पर उसे कैसे पेश कराएंगे। पुलिस ने जमानतदारों के बातचीत की वीडियो रिकार्डिग की थी, जिसके बाद कचहरी पहुंचे जमानतदारों ने प्रार्थना पत्र देकर निजी कारणों से डारिया का जमानत लेने से इंकार कर दिया था। उसके बाद कानपुर के दो जमानतदार सामने आए। उनका पुलिस वेरीफिकेशन कराया जा रहा था कि उन्होंने भी जमानत वापस ले ली। इसके साथ ही डारिया के पैरवीकर्ताओं को तीसरे जमानतदारों की तलाश करनी पड़ी।

यूक्रेन के सूमी 85, किरोवा स्ट्रीट निवासी 20 वर्षीय डारिया मोलचन पुत्री विटाली मोचलन को एसटीएफ ने गोरखपुर के पार्क रोड से गिरफ्तार किया था। डारिया के पास से दो पासपोर्ट, मरिना अमन मेहता के नाम से बना फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस, दो मोबाइल व टैबलेट मिला। मोबाइल चेक करने पर उसमें दिल्ली के रहने वाले एक पुलिस अधिकारी की आपत्तिजनक तस्वीर मिली थी। जिसे जांच के लिए दिल्ली के फारेंसिक लैब भेजा गया था। एसटीएफ इंस्पेक्टर सत्यप्रकाश की तहरीर पर कैंट पुलिस ने डारिया मोलचन के खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करने और विदेश अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था।
इस तरह भारत पहुंची थी यूक्रेनी माॅडल डारिया

डारिया को उसके दो कारोबारी मित्र गोरखपुर के अनुज पोद्दार और दिल्ली इमशान काशिफ ने उनकी मदद की। एसटीएफ और पुलिस के साथ आईबी ने गृह मंत्रालय को उसकी गतिविधियों और भारतीय दोस्‍ों के बारे में रिपोर्ट भेजी थी। डारिया नेपाल के रास्‍े भारत में अवैध रूप से घुसने के बाद दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के अपने दोस्‍त इमशान काशिफ के यहां 15 दिन तक रही। उसके बाद वो फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस पर के साथ गोरखपुर पहुंची और यहां पर एक होटल में एसटीएफ ने दो अप्रैल को उसे गिरफ्तार कर लिया। डारिया के पास से एसटीएफ ने 18,000 अमेरिकी डॉलर, स्मार्ट फोन और टैबलेट बरामद किया था।
डारिया ने दिल्ली में रहने के दौरान मॉडलिंग एजेंसी के साथ मॉडल के रूप में काम किया और अपने संपर्क को बढ़ाने के लिए उन्होंने शहरी क्लब का दौरा करना शुरू किया। जहां वह अनुज पोद्दार और इमशान काशिफ के संपर्क में आई। दिल्ली के एक पुलिस अफसर के साथ मॉडल की कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें, एयरपोर्ट अधिकारी और कोलकाता के अधिकारियों के फोटो डारिया के फोन में मिले थे। मॉडल पहली बार 2016 में भारत पहुंची थी। संदेह के कारण उसके वीजा को ब्लैकलिस्‍टेड कर दिया गया था, जिसके बाद उसने देश छोड़ दिया। दिसंबर 2017 में वो फिर पर्यटक वीजा पर भारत पहुंची लेकिन, भारत सरकार द्वारा उसके प्रवास पर प्रतिबंध लगाने के कारण हवाई अड्डे से उसे वापस कर दिया गया था। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां इस बात की भी जांच कर रही हैं कि आखिर वो भारत में अवैध रूप से क्‍ों घुसी। इसके साथ ही उसने 2013 में चीन के साथ खाड़ी देशों की यात्रा क्यों की थी। वह भारत के रसूखदार लोगों के लगतार संपर्क में थी। और यहां से नेपाल के रास्ते खाड़ी देशों में जाना चा‍ती थी। यह भी जांच का पहलू है।
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