scriptपेट्रोल पंप पर लिखी जा रही बोर्ड काॅपियों के मामले में बीजेपी नेता की प्रबंधक पत्नी सहित दस भेजे गए जेल | UP Board exam, College Manager and 9 other arrested | Patrika News

पेट्रोल पंप पर लिखी जा रही बोर्ड काॅपियों के मामले में बीजेपी नेता की प्रबंधक पत्नी सहित दस भेजे गए जेल

locationगोरखपुरPublished: Feb 24, 2018 01:52:12 am

खोराबार क्षेत्र का सेंटर गया था चैरीचैरा के एक काॅलेज में और काॅपियां लिखी जा रही थी पेट्रोल पंप पर

up board exam

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गोरखपुर। बाहर काॅपियों को लिखवाने के मामले में पुलिस ने बीजेपी नेता की प्रबंधक पत्नी कीर्ति पांडेय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पूर्व में गिरफ्तार नौ अन्य आरोपियों को भी जेल भेज दिया गया है। उधर, डीआईओएस ने आरोपी काॅलेज को काली सूची में डालने की कार्रवाई शुरू कर दी है। गुरुवार को इस काॅलेज में बड़ी मात्रा में बोर्ड की काॅपियां बाहर लिखी जाती हुई पकड़ी गई। भाजपा नेता की देखरेख में चल रहे इस नकल सिंडिकेट के नौ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
खोराबार क्षेत्र के योगी राममूर्ति मेमोरियल हाॅयर सेकेंड्री स्कूल रामपुर पड़ाव पर गुरुवार को एसडीएम सदर राहुल पांडेय, सीओ कैंट अभिषेक सिंह, सीओ गोरखनाथ प्रवीण सिंह आदि की टीम ने छापेमारी की थी। पता चला था कि काॅलेज से कुछ दूरी पर स्थित एक पेट्रोल पंप पर काॅपियां लिखी जा रही। पुलिस ने जब छापा मारा तो एक बीडीसी वेद प्रकाश दुबे आठ काॅपियों के साथ पकड़ा गया था। पुलिस हिरासत में लिए गए बीडीसी ने बताया कि उसका बेटा भी परीक्षा दे रहा। उसकी शिनाख्त पर कई औरों की गिरफ्तारियां हुई थी।
गिरफ्तार लोगों में मोतीराम अड्डा के इरशाद, धर्मेंद्र सिंह व धनन्जय यादव, झारखंडी आवास विकास काॅलोनी के अनिल दुबे को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा टीम ने केंद्र व्यवस्थापक सुग्रीव पासवान, शिक्षक पद्माकर शुक्ल, कमलाशंकर, नंदकिशोर दीक्षित को भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस प्रबंधक कीर्ति पांडेय व उनके पति भाजपा नेता चिंतामणि पांडेय की गिरफ्तारी को छापामारी कर रही थी। हालांकि, बाद में पुलिस ने भाजपा नेता की प्रबंधक पत्नी को गिरफ्तार कर लिया।
राममूर्ति मेमोरियल का सेंटर था चैरीचैरा में
योगी राममूर्ति मेमोरियल हाॅयर सेकेंड्री स्कूल रामपुर पड़ाव का परीक्षा केंद्र महादेव इंटरमीडिएट काॅलेज चैरीचैरा में था। लेकिन सेंटर दूसरी जगह होने के बावजूद काॅपियां दूसरी जगह लिखी जा रही थी। ऐसे में सवाल यह उठता है कि दूसरी जगह सेंटर की काॅपियां दूसरी जगह कैसे लिखी जा रही थी। जब काॅपियों पर कोड एलाॅट होता तो बाहर काॅपियां कैसे आ जा रही। पुलिस इन सभी सवालों का अगर जवाब ढूंढ़ ने की कोशिश करेगी तो विभाग से लेकर इस पूरे रैकेट में शामिल लोगों के चेहरे पर से नकाब उठ सकता है।
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