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यूपी के मेयरों का भी बढ़ेगा पाॅवर, सांसद-विधायक की तरह कहलाएंगे माननीय

locationगोरखपुरPublished: Jun 19, 2018 04:21:38 am

मेयर काउंसिल की मांग पर राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, मेयर सीताराम जायसवाल ने धन्यवाद दिय

UP Governor Ram Naik is now well, work will start soon

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गोरखपुर के मेयर सीताराम जायसवाल ने बताया कि राज्यपाल रामनाईक के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र के बाद राज्य सरकार ने मेयरों की विभिन्न मांगों को पूरा करने की कवायद शुरू कर दी है।
संविधान के 74वें संशोधन को पूरी तरह लागू किए जाने को लेकर कमेटी का गठन हो गया है। कमेटी मेयरों की तरफ से मेयर संयुक्ता भाटिया से विभिन्न मुद्दों पर पक्ष भी ले चुका है।
उन्होंने बताया कि राज्यपाल की पहल के बाद जल्द ही यूपी के महापौरों (मेयरों) को वाई श्रेणी की सुरक्षा, प्रोटोकॉल और सचिवालय पास की सुविधा मिल सकती है। नगर निगमों में कर्मचारियों की कमी को देखते हुए भर्तियां करने और अतिक्रमण हटाने के लिए पूर्व सैनिक उपलब्ध कराए जाने पर भी सरकार ने सहमति जताई है।
उन्होंने बताया कि मेयर काउंसिल की मांग को देखते हुए शासन ने 74वें संविधान संशोधन लागू करने को लेकर एक कमेटी बनाई है। कमेटी उन प्रदेशों में जाकर अध्ययन करेगी जहां 74वां संविधान संशोधन लागू है। कमेटी द्वारा मेयर काउंसिल की मांग पर भी विचार किया जा रहा है। मेयर काउंसिल ने मांग किया कि अवस्थापना निधि, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, अमृत मिशन में मंडलायुक्त की जगह महापौर को अध्यक्ष बनाया जाए। नगर आयुक्त कोई भी कार्य महापौर के अनुमोदन के बिना न करें। नगर विकास मंत्री नगर निकायों से संबंधित जो आदेश जारी करते हैं, उनका भी प्रमुख सचिव पूरी तरह पालन नहीं कर रहे हैं। इस व्यवस्था को सही किया जाए। डूडा को महापौर के अधीन लाया जाए। महापौर को सरकार की तरफ से पहचान पत्र, सचिवालय पास और गाड़ी पास जारी किया जाए। मंडलायुक्त की जगह महापौर को विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया जाए। सांसदों-विधायकों की तरह महापौरों के लिए भी सीएम से मुलाकात का दिन तय किया जाए। पार्षदों को भत्ता दिया जाए और उसका अधिकार महापौर को हो। मेयर काउंसिल भवन के लिए जमीन उपलब्ध कराई जाए।
बता दें कि प्रदेश भर के महापौर बीते 21 मई को राजधानी में जुटे थे। यहां हुई बैठक में उन्होंने महापौरों को वाई श्रेणी की सुरक्षा, प्रोटोकॉल और सचिवालय पास की सुविधा, 74वें संविधान संशोधन को पूरी तरह लागू किए जाने समेत कई मांगें उठाई थीं। साथ ही राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना से मिलकर मांगपत्र दिया था।

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