Read this also: मस्जिद विस्फोट में मौलवी ने किया बड़ा खुलासा, सेना में कार्यरत अशफाक भी एजेंसियों के रडार पर स्वयंसेवी संगठन विश ने जीएसके के सहयोग से अक्टूबर 2018 से लेकर अक्टूबर 2019 तक 26,100 घरों में डोर टू डोर सर्वे करवाया। जो तथ्य सामने आया उसके मुताबिक 9286 ऐसे ब्रीडिंग साइट्स पाए गए जहां डेंगू के मच्छर पनप सकते हैं। इन ब्रीडिंग साइट्स में कूलर, फ्रिज, गमले, प्लास्टिक के कंटेनर, टायर, घर के बाहर कोई पक्का छोटा गड्ढा प्रमुख तौर पर शामिल हैं। ऐसे स्थानों पर जमा साफ और स्थिर पानी डेंगू की दृष्टी से काफी खतरनाक है।
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विश के प्रोग्राम मैनेजर अंजुम गुलरेज ने बताया कि सर्वे के दौरान मिले ब्रीडिंग साइट्स में से 5701 की साफ-सफाई मौके पर ही करा दी गयी थी। बाकी की सफाई खुद से करने का लोगों की तरफ से आश्वासन मिला था। यह सर्वे डेंगू की दृष्टी से संवेदनशील इलाकों के घरों में ही कराया गया था। उन्होंने बताया कि सर्वे के दौरान 5860 कूलर और 8375 फ्रिज को भी चेक किया गया था, जिसमें सबसे अधिक ब्रीडिंग साइट्स कूलर के भीतर पाए गए। गर्मी का मौसम बीतने के बाद कूलर का पानी साफ कर दिया जाए तो इससे निजात पाया जा सकता है।
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मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डाॅ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि ऐसे ब्रीडिंग साइट्स पर नियंत्रण में जनसहभागिता के बिना पूरी सफलता नहीं मिल सकती। इनका उन्मूलन अपने घर के भीतर खुद करना आसान है। सबसे सरल तरीका यही है कि घर के भीतर व आसपास साफ और स्थिर पानी बिल्कुल जमा न होने दें।
डेंगू के साथ जटिलता खतरनाक सीएमओ ने बताया कि मधुमेह रोगी, ह्रदय रोगी, ब्लड प्रेशर के मरीज, गर्भवती महिलाओं के मामले में डेंगू होने पर यह जटिल हो जाता है। ऐसे मरीजों का इलाज अगर प्रशिक्षित चिकित्सक और सही लाइन आफ ट्रिटमेंट से न हो तो डेंगू जानलेवा हो जाता है। उन्होंने बताया कि सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सकों को समय-समय पर ऐसे प्रशिक्षण दिये गये हैं और वह डेंगू से निपटने के मामले में सक्षम हैं।