2012 में यमुना एक्सप्रेसवे की हुई शुरूआत वर्ष 2012 में परिचालन में आने के बाद से किसी एक साल में मौतों की यह सबसे अधिक संख्या है। रफ्तार के रोमांच के चलते 2019 तक हुए हादसो में 154 लोग अपनी जान गंवा चुके और 1161 लोग घायल हुए हैं। सर्विलांस के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे में एक्सप्रेस वे पर अब तक हुए हादसों की तस्वीरें कैद हुई हैं। वे भी इस बात की ताकीद करती हैं। इन कुछ दुर्घटनाओं का सीसीटीवी है जिसमे साफ़ देखा जा सकता है कि ये मौतें तेज रफ़्तार के कारण हुई हैं। देखिए हमारी ये ख़ास रिपोर्ट
सर्विलांस के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे मे कैद इन तस्वीरों में देखा जा सकता हैं कि तेज रफ़्तार कार का टायर फ़टता तो वो किस तरह उड़ती हुई डिवाइडर में घुस जाती है। इस दुर्घटना में गाड़ी मे बैठे दो लोगों की मौत हो जाती है। दूसरी तस्वीर में तेज रफ़्तार स्विफ़ट गाड़ी का ऐसा संतुलन बिगड़ता है कि वो कई बार उलटते हुए डिवाइडर में घुस जाती है। ड्राइवर की मौक़े पर ही मौत हो जाती है।
रफ्तार से हुई सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं यमुना एक्सप्रेस वे मास्टर कन्ट्रोल रुम में कैद सड़क हादसों की इन तस्वीरों को देखने से लगता है कि इस एक्सप्रेस वे पर न तो वाहन चलाने वाले अपने काबू में है और न ही उनका वाहन। सीआरआरआई ने जांच रिपोर्ट में वाहनों की तेज रफ़्तार से होती इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे पर गाड़ी निर्धारित गति 100 से ऊपर जाती है तो एक्सप्रेसवे में लगे कैमरे आपकी गाड़ी की तस्वीर ख़ींच लेते हैं और आपको टोल पर ई चालान थमा दिया जाता है और चालान की जानकारी जगह जगह लगी LED स्क्रीन्स पर फ़्लैश की जाती है। अधि एसपी ट्रैफिक गौतम बुद्धनगर एसपी ट्रैफिक गौतम बुध्द नगर के मुताबिक ओवरस्पीडिंग के रोज़ाना 500 से ज़्यादा चालान किए जा रहे हैं। गौतम बुद्धनगर में 5 लाख से ज्यादा चालान हो चुके और 6 करोड़ के करीब जुर्माना वसूला जा चुका है।
अब तक कुल 5000 सें ज़्यादा हादसे हुए यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (वाईईआईडीए) की ओर से दी गई सूचना के मुताबिक इससे पहले सबसे अधिक मौतें वर्ष 2017 में दर्ज की गई थीं। तब कुल 763 हादसों में 146 लोगों ने जान गंवाई थी। इस प्रकार इस साल अब तक 154 लोगों की मौत हुई है। रफ्तार रोमांच देता है पर चूक होने पर जान भी ले लेता है। यही कारण है यमुना एक्सप्रेस वे में अब तक कुल 5000 सें ज़्यादा हादसे हुए है, जिनमे जिनमें 900 के करीब लोगों ने अपनी जान गंवा चुके है।
क्या कहना है यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी के सीईओ का यमुना एक्सप्रेस वे पर मौत ग्राफ उपर ही जा रहा है। लेकिन यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी के सीईओ अरुण वीर सिंह ने कहा कि यमुना एक्सप्रेस वे पर मौत का आकड़ा कम हुआ है। सेफ़्टी मेजर्स के बारे में उनका कहना है की सुप्रीम कोर्ट रोड सेफ़्टी कमेटी है, उसने आईआईटी सर्वे करवाया था और जो रिपोर्ट सौपी है उसके आधार पर काम होने शुरू हो गए है।