ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 123वीं बोर्ड बैठक में बोड़ाकी के आसपास सात गांवों की 478 हेक्टेयर जमीन पर मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट व लॉजिस्टिक हब विकसित के डीपीआर को मंजूरी दी गई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि ट्रांसपोर्ट हब के तहत तीन परियोजनाएं, बोड़ाकी के पास रेलवे टर्मिनल, अंतर्राज्यीय व लोकल बस अड्डा और मेट्रो कनेक्टिविटी की सुविधा दी जाएगी। परियोजना के तहत रेलवे टर्मिनल, अंतरराज्यीय व स्थानीय बस अड्डे और तीन किमी लंबी मेट्रो लाइन बनेगी। यहां स्काईवॉक का भी निर्माण होगा। परियोजना में लगभग 20 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे और एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके बनने के बाद ग्रेटर नोएडा में रहने वाले लोगों को दिल्ली, नई दिल्ली, गाजियाबाद व आनंद विहार रेलवे स्टेशन जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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नरेंद्र भूषण ने बताया कि ग्रेटर नोएडा का तेजी से औद्योगिक नगरी के रूप में विस्तार हो रहा है। साथ ही आवासीय व संस्थागत सेक्टर भी विकसित हो रहे हैं। भविष्य की मांग को ध्यान में रखते हुए छह नए बिजलीघर बनाने के लिए बोर्ड ने मंजूरी दी है। सभी बिजलीघर गैस इंसुलेटेड सिस्टम पर आधारित होंगे। ये बिजली घर 132 केवी से लेकर 400 केवी तक के होंगे। जलपुरा, नॉलेज पार्क-5, ईकोटेक-8, ईकोटेक-10/11, मेट्रो डिपो, और अमरपुर में बिजली घर बनेंगे। इसके अलावा आठ नए औद्योगिक सेक्टरों को विकसित करने के प्रस्ताव को भी बोर्ड बैठक में मंजूरी दी गई है। ये सेक्टर ईकोटेक 7, 8, 9, 12ए, 16, 19, 19ए और 21 होंगे। इन सेक्टरों के लिए करीब 899 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। करीब 450 हेक्टेयर जमीन प्राधिकरण ने कब्जे में ले लिया है। बची हुई जमीन के लिए प्राधिकरण कार्यालय में किसान सुविधा केंद्र की स्थापना की गई है।
इसी साल मिलेगा लोगों को गंगाजल ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगों को साल के अंत तक गंगाजल मिल जाएगा। प्राधिकरण बोर्ड बैठक ने 85 क्यूसेक गंगाजल प्रोजेक्ट की समीक्षा की, इसकी लागत करीब 800 करोड़ रुपये है। अगले तीन माह में गंगाजल ग्रेटर नोएडा पहुंचने का अनुमान है। इससे ग्रेटर नोएडा ईस्ट व ग्रेनो वेस्ट के लाखों निवासी लाभान्वित होंगे। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सूरजपुर वेटलैंड के आरक्षित वन्य क्षेत्र को विकसित करने का निर्णय भी बोर्ड ने लिया है। इसके अंतर्गत दो प्रवेश द्वार व आधारभूत सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इस परियोजना पर लगभग 1.70 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। ग्रेटर नोएडा की स्वच्छता मुहिम के तहत सेक्टर ईकोटेक 12 में मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर (एमआरएफ) स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।