इस देसी जुगाड़ काे अपनाओगे ताे पास नहीं फटकेगी ठंड चाहे दाैड़ा लेना दुपिहया वाहन भी
जाे वर्कर कंपनी में पिछले दाे से तीन दशकों से काम कर रहे थे उन्हे भी अचानक से कंपनी ने बुलाकर जबरन वीआरएस दे दिया है। इस कंपनी के बंद हाेने से 900 स्थायी और करीब 2000 अस्थाई कर्मचारी बेराेजगार हाे गए हैं। इन सभी के सामने जीवन यापन करने की समस्या आ गई है। कंपनी के वर्करों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ सहित जिले के आला अधिकारियों काे पत्र लिखकर कंपनी काे पुन: चलवाए जाने की मांग की है।बिजनाैर में खुदाई के दाैरान मजदूर काे मिला ‘हीरा’ फिर हाे गया विवाद थाने पहुंचा मामला
इसी कंपनी में अपने जीवन के 20 से 25 साल गुजार देने वाले सुलेमान राणा और सुरेश कुमार ने बताया कि उन्हे कंपनी बुलाकर जबरन वीआरएस दे दिया गया। इसी कंपनी से उनका परिवार चल रहा था। कंपनी में काम करने वाले अन्य वर्करों का कहना है कि कोरोना काल में लॉक डाउन के दौरान भी उन्होंने कंपनी में काम करते समय 100 गाड़ियां प्रतिदिन के हिसाब से का बनाई लेकिन अचानक से कंपनी बंद करने के आदेश आने के बाद उनके सामने बेरोजगारी की समस्या खड़ी हो गई है है।ग्रेटर नोएडा स्थित इस प्लांट की स्थापना 1997 में की गई थी। तब सालाना 30 हजार कारें बनती थी। ग्रेटर नोएडा में होंडा का यह प्लांट 150 एकड़ की जमीन में फैला है। इस होंडा कार्स की प्रोडक्शन यूनिट में होंडा सिटी, Civic और CR-V जैसी भारतीय बाजारों में बिकने वाली कारों का प्रोडक्शन होता था। होंडा कार्स इंडिया से सालाना लगभग एक लाख कारें बनकर निकलती थी। चुनौतीपूर्ण माहौल और बाजार में कारों की घटती मांग के चलते कंपनी ने यह फैसला किया है।