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Honda Cars ने ग्रेटर नोएडा में अपनी प्रोडक्शन यूनिट बंद की, हजारों कर्मचारी बेरोजगार हुए

locationग्रेटर नोएडाPublished: Dec 24, 2020 06:31:14 am

Submitted by:

shivmani tyagi

जापानी कार कंपनी हाेंडा ने ग्रेटर नोएडा स्थित अपनी हाेंडा कार्स इंडिया लिमिटेड यूनिट में प्रोडक्शन बंद कर दिया है। हालांकि अभी तक कंपनी ने इस मामले में कोई सार्वजनिक रिपोर्ट जारी नहीं की है लेकिन अचानक सभी कर्मचारियाें काे बुलाकर जबरन वीआरएस दे दिया गया है। माना जा रहा है कि चुनौतीपूर्ण माहौल और बाजार में कारों की घटती मांग के चलते कंपनी ने यह कदम उठाया।

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Honda Cars

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

ग्रोटर नाेएडा ( Greater Noida ) कोरोना काल के इस दाैर में एक और बुरी खबर है। ग्रेटर नोएडा स्थित जापान की ऑटो कंपनी होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड ( Honda Cars in India ) ने अपनी प्रोडक्शन यूनिट को बंद कर दिया है. यह अलग बात है कि अभी तक कंपनी ने इस बारे में कोई सार्वजनिक रिपोर्ट जारी नहीं की है लेकिन आशंका जताई जा रही है कि चुनौतीपूर्ण माहौल और मार्केट में कारों की घटती डिमांड काे देखते हुए कंपनी ( Honda Cars )
ने यह फैसला किया है।
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जाे वर्कर कंपनी में पिछले दाे से तीन दशकों से काम कर रहे थे उन्हे भी अचानक से कंपनी ने बुलाकर जबरन वीआरएस दे दिया है। इस कंपनी के बंद हाेने से 900 स्थायी और करीब 2000 अस्थाई कर्मचारी बेराेजगार हाे गए हैं। इन सभी के सामने जीवन यापन करने की समस्या आ गई है। कंपनी के वर्करों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ सहित जिले के आला अधिकारियों काे पत्र लिखकर कंपनी काे पुन: चलवाए जाने की मांग की है।
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इसी कंपनी में अपने जीवन के 20 से 25 साल गुजार देने वाले सुलेमान राणा और सुरेश कुमार ने बताया कि उन्हे कंपनी बुलाकर जबरन वीआरएस दे दिया गया। इसी कंपनी से उनका परिवार चल रहा था। कंपनी में काम करने वाले अन्य वर्करों का कहना है कि कोरोना काल में लॉक डाउन के दौरान भी उन्होंने कंपनी में काम करते समय 100 गाड़ियां प्रतिदिन के हिसाब से का बनाई लेकिन अचानक से कंपनी बंद करने के आदेश आने के बाद उनके सामने बेरोजगारी की समस्या खड़ी हो गई है है।
1997 में शुरू हुई थी यूनिट
ग्रेटर नोएडा स्थित इस प्लांट की स्थापना 1997 में की गई थी। तब सालाना 30 हजार कारें बनती थी। ग्रेटर नोएडा में होंडा का यह प्लांट 150 एकड़ की जमीन में फैला है। इस होंडा कार्स की प्रोडक्शन यूनिट में होंडा सिटी, Civic और CR-V जैसी भारतीय बाजारों में बिकने वाली कारों का प्रोडक्शन होता था। होंडा कार्स इंडिया से सालाना लगभग एक लाख कारें बनकर निकलती थी। चुनौतीपूर्ण माहौल और बाजार में कारों की घटती मांग के चलते कंपनी ने यह फैसला किया है।
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