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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बढ़ाई यह बढ़त, अखिलेश और मायावती को भी छोड़ा पीछे

locationग्रेटर नोएडाPublished: Feb 14, 2019 03:15:07 pm

Submitted by:

virendra sharma

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उस मिथक को तोड़ दिया जिसमे कहा जाता था कि जो मुख्यमंत्री नोएडा आया, उसकी कुर्सी चली गई, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 23 माह मे सात बार नोएडा आ कर पब्लिक कनेक्टिविटी में माया और अखिलेश से निकले आगे

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सीएम योगी आदित्यनाथ ने बढ़ाई यह बढ़त, अखिलेश और मायावती को भी छोड़ा पीछे

नोएडा. मुख्यमंत्री रहते नोएडा न आने के मिथक को योगी आदित्यनाथ ने तोड़ा था। यूपी की सियासत में माना जाता है कि जो भी मुख्यमंत्री नोएडा आया, उसकी कुर्सी चली गई। लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ ने सारे मिथक को तोड़ते हुए मायावती के पैतृक जिले गौतमबुद्धनगर में पब्लिक कनेक्टिविटी में आगे आए है। सीएम योगी आदित्यनाथ 23 माह में 7 बार गौतमबुद्धनगर में आए है। जबकि बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा मुखिया अखिलेश यादव 8 साल से नोएडा नहीं आए है।
मायावती का पैतृक जिला है गौतमबुद्धनगर

बसपा सुप्रीमो मायावती बादलपुर की रहने वाली है। मायावती ने 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में गौतमबुद्धनगर से सटे बुलंदशहर जिले के सिकंदराबाद में चुनावी सभा की। लेकिन नोएडा नहीं आना हो सका। 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी मायावती की गाजियाबाद में जनसभा हुई थी। 2012 और 2017 में हुए विधानसभा के चुनाव के दौरान भी नोएडा और ग्रेटर नोएडा से दूरी रही। वहीं 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भी नोएडा नहीं आना हुआ। बीएसपी के जिलाध्यक्ष लख्मी सिंह का कहना है कि मायावती समाज के लिए पूरे देश में काम कर रही है। मायावती 2011 में राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल का उद्घाटन करने आई थीं।
अखिलेश भी नहीं आए नोएडा

सपा मुखिया अखिलेश यादव 5 साल तक मुख्यमंत्री रहते हुए एक बार भी नोएडा में कदम रखने की हिम्मत नहीं जुटा सके। वहीं नोएडा और ग्रेटर नोएडा से जुड़ी कई योजनाओं का उद्घाटन सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने लखनऊ से ही किया। अखिलेश यादव कई बार दिल्ली से सफई के लिए आते-जाते रहे। लेकिन नोएडा नहीं आए। जबकि कई बार नोएडा से निकले थे। आखिरी बार अखिलेश यादव ने अक्टूबर 2011 में साइकल रैली शुरू की थी। मुख्यमंत्री बनने के बाद अखिलेश ने नोएडा आने का वादा किया, लेकिन नहीं आए। 29 साल बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सारे मिथक तोड़े और ‘मनहूस’ माने जाने वाले नोएडा आने की हिम्मत जुटा सके। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती 2011 में नोएडा आई और 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। सीएम रहते हुए नोएडा न आने के मिथक तोड़कर योगी आदित्यनाथ बसपा सुप्रीमो मायावती और अखिलेश यादव से आगे निकल गए है।
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