दरअसल दर्जनों किसान जहां सुरजपुर स्थित कलेक्ट्रेट राजपाल के नाम डीएम को ज्ञापन सौंपने पंहुचे तो वहीं सैकड़ों की संख्या में किसानों व कांग्रेस कार्यकर्ता ने यमुना प्राधिकरण का घेराव किया। किसानों का आरोप है कि सरकार द्वारा धान की फसल के दाम तय करने के बावजूद व्यापारी उसमें नमी होने की बात कहकर कतई खरीददारी नहीं कर रहे हैं। अगर कोई बेचता है तो उसे अपनी मर्जी के हिसाब से भाव के रेट पर खरीदते हैं। इसी के चलते पिछली साल भी व्यापारियों द्वारा सैकड़ो करोड़ का घोटाला सामने आया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
किसानों की जो 64 प्रतिशत मुआवजे की मांग है वो अभी तक पूरा नही किया गया है। जिसको लेकर किसान लगातार प्रदर्शन करके अपनी आवाज को उठा रहे हैं। लेकिन उनकी एक भी नही सुनी जा रही है। पंजाब में कांग्रेस की सरकार है वहां कतई किसानों को प्रताड़ित नहीं किया जाता है। उनके फसल के सही दाम मिलते हैं।