बच्चों की सुरक्षा के लिए रखा गया ट्रेनिंग प्रोग्राम डीएम बीएन सिंह का कहना है कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से नोएडा और ग्रेटर नोएडा के सभी प्राइवेट स्कूलों के कंडक्टर, ड्राइवर, सिक्योरटी गार्ड, स्कूल स्टाफ व प्रबंधन को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से यह ट्रेनिंग प्रोग्राम रखा गया था। इसमें लगभग 240 स्कूलों से ड्राइवर, कंडक्टर, सिक्योरटी गार्ड और स्कूल प्रबंधन के साथ ही टीचर्स भी शामिल हुए। उन्हें अलग-अलग विभाग के अफसरों ने बच्चों की सुरक्षा से संबंधित जानकारी दी। उन्हें बताया गया कि किस तरह से बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। उसमें एआरटीओ एके पांडेय ने बसों की स्पीड लिमिट के साथ ही सुप्रीम कोर्ट और सीबीएसई की गाइड लाइन के बाबत जानकारी दी।
स्कूल में होने चाहिए हाईक्वालिटी सीसीटीवी कैमरे वहीं, एसएसपी लव कुमार ने कहा कि कार्यक्रम में पुलिस के नजरिये से स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए हाई क्वालिटी के सीसीटीवी कैमरे, बाउंड्री वाल की ऊंचाई, स्कूल के कर्मचारियों के साथ ही ड्राइवर व कंडक्टर के पुलिस वैरिफिकेशन के बारे में अहम जानकारी दी गई। अग्निशमन विभाग के मुख्य अग्निशमन अधिकारी अरुण कुमार सिंह ने इस बात का प्रशिक्षण दिया कि स्कूलों में आग लगने की स्थिति में कैसे निपटा जाए।
रेयान की प्रिंसिपल ने कहा, बहुत कुछ सीखने को मिला जेपी इंटरनेशनल स्कूल और रेयान इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से आयोजित यह टेनिंग प्रोग्राम बहुत ही सकारात्मक रहा। इसमें बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी गई। इसमें बहुत कुछ नया सीखने को मिला है। इस कार्यक्रम के बाद निश्चित तौर पर लोगों में जागरुकता बढ़ेगी और भविष्य में अप्रिय घटनाओं पर रोक लगाने में मदद मिलेगी।
40 की स्पीड पर चलानी चाहिए गाड़ी वहीं ट्रेनिंग प्रोग्राम में पहुंचे ड्राइवर की मानें तो इस प्रोग्राम में उन्हें बताया गया कि ज्यादा से ज्यादा 40 की स्पीड में गाड़ी चलानी चाहिए। उनके पास कम से कम पांच साल पुराना ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य है। विपरीत दिशा में गाड़ी चलाना गलत है। साथ ही ड्राइवरों के पास उसे स्कूल का आईकार्ड होना जरूरी है।