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राजस्थान कैडर का फर्जी आईएएस गिरफ्तार, ऐसे झाड़ रहा था रौब, देखें वीडियो

locationग्रेटर नोएडाPublished: Dec 30, 2018 11:24:23 am

Submitted by:

virendra sharma

बादलपुर कोतवाली पुलिस ने एक फर्जी आईएएस को गिरफ्तार किया है। आईएएस अधिकारी बनकर सेल्सटैक्स विभाग के एक अफसर पर अपने एक परिचित का काम कराने का दवाब बना रहा था।

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राजस्थान कैडर का फर्जी आईएएस गिरफ्तार, ऐसे झाड़ रहा था रौब, देखें वीडियो

ग्रेटर नोएडा. बादलपुर कोतवाली पुलिस ने एक फर्जी आईएएस को गिरफ्तार किया है। आईएएस अधिकारी बनकर सेल्सटैक्स विभाग के एक अफसर पर अपने एक परिचित का काम कराने का दवाब बना रहा था। पहले भी यह लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा के कई अधिकारियों को फोन करके सिफारिश का दबाव बना चुका था। खुद को राजस्थान और त्रिपुरा का डीएम बताकर अधिकारियों को सिफारिश के लिए फोन करता था। पुलिस को इसके फोन से कुछ अधिकारियों से हुई बातों की रिकॉर्डिंग भी मिली है।
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जानकारी के अनुसार, फर्जी आईएएस मणिशंकर त्यागी अपने परिचित आईएएस अधिकारी विशाल का नाम इस्तेमाल कर लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा के अन्य अधिकारियों को फोन करता और अपने परिचितों का काम कराने के लिए दवाब बनाता था। यह खुद को डीएम विशाल कुमार राजस्थान व त्रिपुरा का डीएम बताता था। फर्जी आईएएस ने खुद स्वयं स्वीकार किया है कि वह कुछ अधिकारियों को फोन अधिकारियों पर फोन करके दबाव बना रहा था। पुलिस ने इसके पास से मोबाइल कुछ पैसे बरामद किए हैं। जिस मोबाइल में अधिकारियों की बातचीत की रिकॉर्डिंग की बातें भी मिली है।
एसपी देहात विनीत जायसवाल ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी मणिशंकर त्यागी गाजियाबाद के श्याम पार्क का रहने वाला है। यह काफी दिनों से बादलपुर कोतवाली प्रभारी नगेंद्र चौबे को फोन कर रहा था। वह फोन पर लोनी के रिस्तल गांव निवासी अपने एक परिचित के रुपये और कार दिलाने के लिए दवाब बना रहा था। उन्होंने बताया कि बादलपुर कोतवाली के दुजाना गांव के किसी शख्स से रुपये और कार दिलाने की बात कह रहा था। जांच में सामने आया है कि सेल्सटैक्स के एक अधिकारी पर यह अपने परिचित पर लगे जुर्माने में छूट कराने का दवाब बना रहा था। जब काफी कॉल करने के बाद भी बादलपुर कोतवाली प्रभारी ने उसका काम नहीं किया तो उसने खुद एसपी देहात को फोन कर रौंब झाड़ने का प्रयास किया। एसपी देहात ने जब उस आईएएस का कैडर पूछा तो वह 2005 का बैच बताने लगा। कई बार पूछने के बाद भी वह कैडर नहीं बता सका। जिससे पुलिस को उसपर शक हो गया और पुलिस ने उसे धर दबोचा।
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