इस मामले में अभी तक कुल 24 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। जिनमें से पुलिस ने बिल्डर समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं हर किसी को इंतजार है कि बचाव कार्य जल्द से जल्द पूरा हो। जबकि कई लोगों को अभी तक भी अपने परिवार वालों व परिचितों का पता नहीं लग पा रहा है। जबकि मौके पर बचाव कार्य की रफ्तार धीमी है।
बचाव कार्य हो रहा धीमा दरअसल, जिलाधिकारी बी.एन सिंह का कहना है कि बचाव कार्य में लगी एनडीआरएफ की टीम का कहना है कि मलबा हटाने में किसी भी बड़ी मशीनरी का उपयोग फिलहाल नहीं किया जाएगा। एनडीआरएफ टीम का कहना है कि अभी भी मलबे में लोगों के जिंदा होने की संभावना हो सकती है। लेकिन अगर बड़ी मशीनरी का इस्तेमाल किया गया तो उससे दबे हुए लोगों को क्षति पहुंच सकती है। बचाव कार्य रात भर चलेगा।
अभी तक चार शवों को निकाला बताया जा रहा है कि रेस्क्यू टीम ने अभी तक चार शवों को निकाल लिया है। वहीं अभी भी कई लोगों के दबे होने की आशंका है। इनमें से दो शवों की पहचान हो चुकी है। मृतकों में एक फतेहगढ़ का शमशाद जबकि दूसरे व्यक्ति के हाथ पर रंजीत नाम गुदा हुआ है। जिस बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि उसका नाम रंजीत है। हालांकि इसके परिजनों का पता नहीं लग सका है।
दोनों इमारतों मे थे लोग जानकारी के मुताबिक एक छह मंजिला इमारत में कुछ परिवार रह रहे थे। जो एक निर्माणधीन 4 मंजिला इमारत पर आ गिरी। जिसमें भी कुछ मजदूरों के रहने की बात कही जा रही है। इस घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। जिसके बाद अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर एनडीआरएफ टीम को सूचना दी। वहीं जिलाधिकारी ने घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। जांच एडीएम प्रशासन कुमार विनीत को जांच सौंपी है। जिन्हें 15 दिन में घटना की रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।
जिम्मेदार लोगों पर होगी कार्रवाई इस घटना के बाद मंगलवार राहत ही केंद्रीय मंत्री व स्थानीय सांसद डॉ महेश शर्मा घटनास्थल पर पहुंचे। जहां उन्होंने कहा कि इसका दोषी कौन है यह बाद का विषय है। अभी प्राथमिकता फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने की है। वहीं इस मामले में सीएम योगी ने भी संज्ञान लिया है और हर संभव राहत पहुंचाने का आदेश दिया है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि हादसे के पीछे जो भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।