ग्रेटर नोएडा

Live Update बड़ा खुलासाः ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में इस वजह से गिरी इमारत

कर्इ लाेग अब तक दबे तलाश में जुटी एनडीआरएफ समेत पुलिस टीम

ग्रेटर नोएडाJul 18, 2018 / 11:13 am

Nitin Sharma

Live Update बड़ा खुलासाः ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में इस वजह से गिरी इमारत

ग्रेटर नोएडा।ग्रेटर नोएडा वेस्ट में आने वाले शाहबेरी स्थित ज्योति काॅलोनी के करीब मंगलवार की रात करीब साढ़े नौ बजे एक ही परिसर में स्थित दो इमारतें धराशायी हो गर्इ।वहीं इसमें रह रहे 12 परिवार समेत निर्माणधीन बिल्डिंग में काम कर रहे पचास से ज्यादा मजदूर दब गये।जिसे कुछ ही देर में हाहाकार मच गया।अभी तक एनडीआरएफ की टीम समेत पब्लिक आैर लोग अपने परिवार को मलबे में तलाश रहे है।वहीं इमारत गिरने की वजह भी सामने आ गर्इ है।

वीडियों देखने के लिए यहां क्लिक करें-नोएडा एक्सटेंशन के शाहबेरी में 2 इमारतें गिरीं, 3 की मौत, कई लोगों के दबे होने की आशंका

इस वजह से गिरी इमारत, छह मंजिला इमारत

शाहबेरी के ज्योति काॅलोनी में बनी छह मंजिला इस इमारत में करीब 20 फ्लैट बने हुए थे। इनमें 12 फ्लैटों में परिवार रह रहे थे।वहीं इसी के पास ही बन रही बिल्डिंग में पचास से ज्यादा मजदूर लगे हुए थे। अचानक बिल्डिंग गिरते ही यह सभी लोग दब गये।वहीं बिल्डिंग गिरने की वजह यहां पानी को बताया जा रहा है। दरअसल इन बिल्डिंगों में बेसमेंट बना हुआ था।इसके साथ ही रास्ते भी अब तक कच्चे थे। इनमें पानी निकासी की कोर्इ व्यवस्था नहीं थी।इसके चलते दो दिन पूर्व में हुर्इ बारिश का पानी इस बिल्डिंग के बेसमेंट में भरा हुआ था। इसके साथ ही रास्तों में भी पानी लबालब स्थिती में जस का तस था। इसी की वजह से बिल्डिंग की नींव कमजोर होने से मंगलवार को अचानक रात करीब साढ़े आठ बजे भरभराकर गिर गर्इ।

वीडियों देखने के लिए यहां क्लिक करें-Greater Noida building collapse: पहली प्राथमिकता घायलों और जीवित बचे लोगों को बचाने की है-महेश शर्मा

इतनी गहरी खोदी जाती है नींव, नहीं होता नक्शा पास

इतना ही नहीं अवैध तरीकों से बिल्डिंग बनाने वाले यह बिल्डर निर्माण के लिए खराब सामान इस्तेमाल करने के साथ ही बिल्डिंग की नींव को बहुत ज्यादा गहरी आैर मजबूत नहीं करते थे। इसकी वजह कम से कम खर्च आैर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा व जल्द बिल्डिंग बनाने के लिए दो से तीन फुट गहरी नींव बनार्इ जाती थी। इतना ही नहीं अवैध होने के चलते इन बिल्डिंगों का कोर्इ नक्शा भी पास नहीं किया जाता था। जिसके चलते बिल्डर अपनी मनमाने तरीके से एक बिल्डिंग बनाकर तैयार कर बेच देते थे।

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.