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VIDEO: इस सुपरहिट मूवी में काम कर चुकी यह लड़की नहीं बनना चाहती बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस, जानिए क्यों? कॉलेज और यूनिवर्सिटी संचालकों की माने तो इसका फायदा यह होगा कि देश और विदेश के स्टूडेंट्स के बीच में कम्यूनिकेशन गैप नहीं होगा। दरअसल में दोनोें एक-दूसरे को आसानी के समझ सकते है। भाषा की वजह भी कई बार टकराव की स्थिति पैदा कर देती है। हालांकि ग्रेटर नोएडा एजूकेशन हब में पढ़ाई करने आने वाले स्टूडेंट्स काफी हिंदी सीखने में भी रुचि रखते है। संचालकों की माने तो विदेशी छात्रों को इस बार अलग से हिंदी की क्लास दी जाएगी। यहां साउथ अफ्रीका, नाइजीरिया, जापान, अफगानिस्तान, भूटान, कोरिया समेत कई अन्य देशों से पढ़ाई करने के लिए आते है। पकौड़ा बेचने को रोेजगार बताना पीएम मोदी पर पड़ेगा भारी, अन्ना के नेतृत्व में लाखों छात्र खोलेंगे मोर्चा शारदा यूनिवर्सिटी के डिप्टी रजिस्ट्रार अजीत सिंह ने बताया कि विदेशी छात्रों को आम बोलचाल की भाषा सिखाई जाएगी। ताकि विदेशी छात्र आसानी के साथ इंडियंस के साथ में घुल मिल सके। दरअसल में पिछले साल मार्च माह में परीचौक पर नाइजीरियंस को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया था। वहीं आए दिन देश और विदेश के छात्रों में तनाव की स्थिति बनी रहती है। ऐसे में विदेशी छात्रों को आम बोलचाल के शब्द सिखाए जाएंगे।
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