जानकारी के अनुसार मूलरुप से दिल्ली के शाहदरा निवासी सुनील गुप्ता ने 2011-12 में जेपी ग्रुप में फ्लैट बुक कराया था। यहां बता दें कि जेपी ने स्पोटर्स सिटी के नाम से प्रोजेक्ट लांन्च किया था। इन्होंने फ्लैट के एवज में करीब 33 लाख रुपये चेक और नगद दिए थे। उस दौरान जेपी ग्रुप की तरफ से 18 माह में पजेशन देने का वादा किया गया था। सुनील गुप्ता ने बताया कि 2015 में बकाया राशि भी जेपी ग्रुप ने जमा करा लिए। उस दौरान उन्हें जल्द ही फ्लैट का पजेशन देेने का आश्वासन दिया था। उन्होंने बताया कि कई बार ग्रुप से जुड़े हुए लोगों से पजेशन देने की मांग की थी। उस दौरान भी उन्होंने बकाया राशि जमा करा ली। बकाया पैसे देने पर जल्द ही फ्लैट का पजेशन देने का वादा किया गया था।
अभी तक फ्लैट निर्माण कार्य शुरू नहीं किया
इस बीच सबसे बड़ी बात ये है कि 2015 में बकाया राशि जमा कराने के बाद अभी तक फ्लैट का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया है। जिसकी वजह से हजारों बायर्स को परेशानी झेलनी पड़ रही है। हाल ही में यमुना अथॉरिटी ने जेपी ग्रुप का आंवटन भी रद्द किया था। दरअसल में यमुना अथॉरिटी का जेपी ग्रुप पर साढ़े तीन करोड़ रुपये बकाया है। वहीं जेवा कोतवाली प्रभारी फरमूद अली पुंडीर ने बताया कि जेपी ग्रुप के एमडी मनोज गौड, बसंत कुमार गोस्वामी, सुनील कुमार, राकेश शमा्र, पंकज गौड, राकेश दीक्षित, मनमोहन सिब्बल व राजनारायण समेत दस के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।