यह फोटो बादलपुर कोतवाली एरिया के जीटी रोड स्थित एनटीपीसी रेलवे लाइन के पास की है। यहां पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में एक गाड़ी में मजदूर सवार हो रहे है। लेकिन पुलिसकर्मियों को उस तरफ कोई ध्यान नहीं है। बताया जा रहा है कि खुद पुलिसकर्मियों ने गाड़ी रुकवाई और उसमें मजदूरों को भेजा है। सवाल यह है कि सख्त आदेश के बाद भी यूपी पुलिस लापरवाह कैसे बनी हुई है। आरोप है कि पुलिसकर्मी जगह—जगह मजदूरों को क्वारंटाइन सेंटर भेजने की जगह उन्हें निजी वाहनों से भेज रहे है। सूत्रों ने बताया कि नोएडा के हरौला से भी गलत तरीके से रोजाना गाड़ियों में भरकर मजदूरों को भेजा जा रहा है।
औरैया हादसे में आया था गाजियाबाद कनेक्शन सामने औरैया में हुए सड़क हादसे के योगी सरकार ने जांच के निर्देश दिए थे। जांच की आग गाजियाबाद तक आ पहुंची। योगी सरकार ने इंदिरापुरम थाने के SHO को सस्पेंड किया। साथ ही CO इंदिरापुरम और साहिबाबाद कोतवाली प्रभारी से भी जवाब मांगा गया है। दरअसल, जो ट्रक हादसे का शिकार हुआ था, वह दिल्ली से चला था। गाजियाबाद के इदिरापुरम इलाके से ट्रक में 16 लोग सवार हुए थे। ये इंदिरापुरम के मक्कनपुर इलाके में रहते थे। लॉकडाउन के बाद अपने घर वापस लौट रहे थे। शुरुआती जांच में इंदिरापुरम एसओ की लापरवाही सामने आई थी।
हादसे के बाद योगी सरकार ने दिए ये निर्देश औरैया हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मजदूरों के पलायन पर अधिकारियों को निर्देश जारी कर कहा था कि किसी भी प्रवासी नागरिकों को पैदल, अवैध या असुरक्षित गाड़ियों से यात्रा न करने दें। इस संबंध में यूपी के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि किसी को पैदल सफर नहीं करने दिया जाए। साथ ही असुरक्षित वाहनों में भी ये किसी भी कीमत पर यात्रा न करने दिया जाए। अगर कोई वाहन चालक सवारी भरकर मजदूरों को ले जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और मजदूरों को सम्मान सहित क्वारंटाइन सेंटर भेजा और उनके लिए खाने—पीने की व्यवस्था की जाए। बाद में उन्हें बस से घर भेजा जाएगा।
औरैया में हुआ था हादसा यूपी के औरैया में मजदूरों से भरा ट्रक हादसे का शिकार हो गया। हादसे में 25 मजदूरों की जान चली गई थी। घटना में बच्चों समेत 16 मजदूर घायल हो गए थे।