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करोड़ों की लागत से बना अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम, फिर भी खेलने नहीं आता कोई खिलाड़ी

locationग्रेटर नोएडाPublished: Sep 06, 2017 02:42:00 pm

Submitted by:

amit2 sharma

एक साल से अधिक का टाइम बीत जाने के बाद भी नहीं पहुंचा एक भी वॉलीबॉल खिलाड़ी

Greater Noida Development Athority Made Volleyball Stadium Where No Player Came so far to learn game

Greater Noida Development Athority Made Volleyball Stadium Where No Player Came so far to learn game

वीरेंद्र शर्मा, ग्रेटर नोएडा। देश में अक्सर इस बात का रोना रोया जाता है कि उनके पास खेलने की सुविधा ही नहीं है. लेकिन यहां मामला उल्टा है. करोड़ों रूपये की लागत से ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने वॉलीबॉल कोर्ट तो बना दिया है, कोच भी नियुक्त कर दिया है, लेकिन हालत ये है कि आज तक एक भी खिलाड़ी यहां खेलने नहीं आया. हालत ये है कि अब इस कोर्ट को बंद करने की नौबत आ गयी है.

मामला शहीद विजय सिंह पथिक स्पोटर्स कॉम्पलेक्स का है. यहां वॉलीबॉल की सुविधा तो मौजूद है, लेकिन वॉलीबॉल खेलने वाले प्लेयर नहीं हैं। यहां तक कि अकैडमी की शुरूआत भी की जा चुकी है। लेकिन खेल की बारीकियां सीखने वाले प्लेयर न आने की वजह से अकैडमी बंद करनी पड़ी है। स्पोटर्स कॉम्पलेक्स में वॉलीबॉल के 2 कोर्ट बनकर तैयार हैं। एक साल से अधिक का टाइम बीत जाने के बाद भी कॉम्पलेक्स में खिलाडी खेलने व बारीकियां सीखने नही आ रहे है, जबकि कॉम्पलेक्स के अधिकारियों ने सुविधा मुहैया कराने के लिए फीस भी कम रखी हुई है। इस गेम्स में रुझान न होने की भी एक वजह मानी जा रही है।
शहीद विजय सिंह पथिक स्पोटर्स कॉम्पलेक्स में क्रिकेट, फुटबॉल, बॉस्केटबॉल, टेनिस कोर्ट के अलावा इंडोर स्टेडियम में गेम्स की सुविधा मौजूद है। यहां वॉलीबॉल के लिए भी 2 कोर्ट 2014 में बनकर तैयार हो गए थे। लिहाजा सितंबर 2014 से कॉम्पलेक्स के अधिकारियों ने वॉलीबॉल की कोचिंग के लिए कोर्ट कोच को सौंप दिया था। इस दौरान प्लेयर्स भी पहुंचे थे। एक प्लेयर्स ने वॉलीवॉल की बारीकियां सीखने के लिए एंट्रीर् फीस भी जमा कराई थी। उसके बाद भी कोई प्लेयर बारीकियां सीखने नही पहुंचा।
अथॉरिटी करती है गेम को प्रमोट

गेम्स को प्रमोट करने के लिए ग्रेनो अथॉरिटी के स्थापना दिवस पर सभी खेलों का आयोजन कराया जाता है। इस दौरान वॉलीबॉल गेम का भी आयोजन होता है। पूर्व वॉलीबॉल आरके चतुर्वेदी ने बताया कि वॉलीबॉल खेलने वाले युवाओं की कमी है। जिसकी वजह से वॉलीबॉल की बारीकियां सीखने के लिए प्लेयर नही आ रहे है। यहां दूसरे गेम्स में युवाओं का अधिक रुझान है। उन्होंने बताया कि इंटरनैशनल मानकों के अनुसार वॉलीवॉल का कोर्ट तैयार किया गया है।
प्लेयर न पहुंचने की वजह से कोचिंग की बंद

कॉम्पलेक्स में बने वॉलीवॉल कोर्ट में प्लेयर्स को बारीकियां सीखाने के लिए कोच रखा हुआ है। भले ही कोई प्लेयर्स न हो। कॉम्पलेक्स के अधिकारियों की माने तो अगर एक भी प्लेयर बारीकियां सीखने आता है तो उसे कोचिंग दिलाई जाएगी। प्लेयर्स न होने की वजह से धीरे-धीरे वॉलीबॉल कोर्ट शो-पीस बनकर रह गए है।
यह है फीस

अंडर-10 ऐज कैटागिरी के लिए कॉम्पलेक्स में बने कोर्ट पर कोचिंग के लिए एक माह की कोचिंग के लिए 400 रुपयें(एक सप्ताह में तीन दिन) और (एक सप्ताह में 6 दिन) कोचिंग के लिए 600 रुपयें देने होगे। वहीं अंडर-10 से ऊपर की ऐज कैटागिरी के प्लेयर्स को एक माह में की कोचिंग के लिए 500 (एक सप्ताह में तीन दिन) और (एक सप्ताह में 6 दिन) कोचिंग के लिए 700 रुपयें की फीस रखी गई है।

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