यह भी है वजह अप्रैल-मई में प्याज की फसल होती है। फिलहाल प्याज की खुदाई चल रही है। हालांकि, सीजन में फसल की पैदावार होने से रेट पर फर्क पड़ता है। कुछ दिन पहले तक 20 से 30 रुपये तक बिका। उधर, लॉकडाउन की वजह से सब्जियों और फलों की सप्लाई भी प्रभावित हुई है। मार्केट में कम ही लोग पहुंच रहे है। यहां तक की वेस्ट यूपी की कई सब्जी मंडी में आमलोगों की एंट्री बंद की गई। वहीं, होटल भी बंद है।
प्याज कारोबारी अनिल का कहना है कि गिरती कीमतों की वजह से किसान परेशान है। साथ ही मार्केट में खरीददारों की भारी कमी है। उन्होंने बताया कि जितना प्याज मार्केट में आ रहा है। उसके खरीददार नहीं है। लॉकडाउन के बाद कीमतों मेंं बढ़ोतरी के आसार नहीं दिखाई दे रहे है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन खुलने के बाद सप्लाई ज्यादा होगी। जिसकी वजह से दाम में कमी आएगी। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन खुलने के तीन से चार माह खपत बढ़ेंगी।
प्याज कारोबारी अनिल का कहना है कि गिरती कीमतों की वजह से किसान परेशान है। साथ ही मार्केट में खरीददारों की भारी कमी है। उन्होंने बताया कि जितना प्याज मार्केट में आ रहा है। उसके खरीददार नहीं है। लॉकडाउन के बाद कीमतों मेंं बढ़ोतरी के आसार नहीं दिखाई दे रहे है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन खुलने के बाद सप्लाई ज्यादा होगी। जिसकी वजह से दाम में कमी आएगी। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन खुलने के तीन से चार माह खपत बढ़ेंगी।