गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से एक लैपटाप, एक प्रिन्टर, 6 मोबाइल फोन, नौ ब्लैंक सामान्य निवास प्रमाण पत्र, 24 रसीदी टिकट, विभिन्न जनपदों से जारी 44 स्थाई निवास प्रमाण पत्र व जाति प्रमाण पत्र की प्रतियां, ओआईसी मिलिट्री हास्पिटल बरेली द्वारा जारी कांफिडेन्शल सूची, तीन नॉमिनल रोल कैंडिडेट सैम्पल, और एक कार बरामद हुई है।
पुलिस की गिरफ्त में आए आदेश कुमार, लव कुमार और प्रमोद कुमार को बादलपुर पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर को गिरफ्तार किया। इनका एक संगठित गिरोह है, जो सेना में भर्ती होने के इच्छुक युवकों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उन्हें सेना में भर्ती कराते थे। एसएसपी वैभव कृष्ण ने बुधवार को प्रेस कान्फ्रेंस में बताया कि इसके लिए गिरोह के सदस्यों की भर्ती बोर्ड के अधिकारियों/ कर्मचारियों से मिलीभगत थी। उन्होंने बताया कि अभियुक्त आदेश मिलिट्री से रिटायर है और सेना में भर्ती के लिए कोचिंग सेंटर खोल रखा है। उसकी आड़ में सेना मे भर्ती कराने के लिए 5 से 7 लाख रुपये में ठेका लेता है।
एसएसपी ने बताया कि अभ्यर्थियों की फिजिकल, मेडिकल पास कराने और वेरिफिकेशन तक की जिम्मेदारी इन्हीं की होती है। सेना में भर्ती कराने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही विभिन्न स्थानों के भर्ती सेंटरों (एआरओ) से सम्पर्क कर लड़कों को सेना मे भर्ती कराते हैं। उन्होंने बताया कि पूछताछ में यह भी पता चला कि यदि किसी अभ्यर्थी की लंबाई कम रह जाती है तो उसके फर्जी निवास प्रमाण पत्र व सामान्य जाति प्रमाण पत्र के जरिये उत्तराखंड के कुमांऊ या गढ़वाल का दर्शाकर सेना में भर्ती करा देते हैं। उत्तर प्रदेश के फर्जी प्रमाण पत्र गिरोह के लोग खुद तैयार करते हैं।
पुलिस अब इस घोटाले में शामिल सेना के अफसरों से पूछताछ की तैयारी कर रही है। ऐसे में उनकी मुश्किलें बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। बताया जाता है कि कुछ आरोपी सेना के अधिकारियों के संपर्क में थे, जो जुगाड़ से फेल अभ्यर्थी को मेडिकल व अन्य टेस्ट में पास करवाते थे। आरोपी अधिकतर उन अभ्यर्थी को अपना ग्राहक बनाते थे, जिसका भर्ती मेले से कोई सरोकार नहीं होता है।