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दरअसल, आछेपुर गांव में लगे पंपलेट पर लिखा है “गांव में किसी भी भाजपा नेता और कार्यकर्ता के आने पर रोक है।” इसके अलावा कुछ पंपलेट पर लिखा है कि “मुकदमे वापस नहीं हुए तो करेंगे चुनाव का बहिष्कार।” ग्रामीणों के गुस्से कारण ये है कि बीते 2 अगस्त को गांव की एक 28 वर्षीय महिला पूनम की रबूपुरा में एक निजी अस्पताल में ऑपेरशन के दौरान मौत हो गयी थी। जिसपर परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया था और डॉक्टर के खिलाफ लिखित में शिकायत थाने में दी थी। जिसके बाद पुलिस में शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था लेकिन लिखित शिकायत के बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया था। जिसको लेकर ग्रामीणों का गुस्सा भड़क गया और वो 3 अगस्त को शव को रबूपुरा गोलचक्कर पर रखकर धरने पर बैठ गए थे। लोगों का आरोप है कि करीब 4 घण्टे धरने पर बैठने के बाद आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था।जिसके बाद लोगों ने धरना समाप्त कर दिया था। आरोप है कि पुलिस ने उल्टा उन्हीं लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है। धरना देने पर रबूपुरा कोतवाली में 31 नामजद व 50 से 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ बलवा, सड़क जाम व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने पँचायत का आह्वान किया।
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