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वहीं जेवर एयरपोर्ट और नई दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट को आपस में जोड़ने की कवायद तेज कर दी गई है। दोनों एयरपोर्ट के बीच में बेहतर ट्रॉसपोर्ट व्यवस्था बनाने के लिए मेट्रो के अलावा दूसरे विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण दोनोंं एयरपोर्ट के बीच में बेहतर ट्रॉसपोर्ट देने के लिए सभी पहलुओं पर विचार कर रहा है। सुत्रो की माने तो एयरपोर्ट के साथ ही यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण की तरफ से रैपिड रेल प्रोजेक्ट पर कार्य करना शुरू कर दिया जाएगा। इन राज्यों से होगी बेहतर कनेक्टविटी जेवर एयरपोर्ट पर दिल्ली-एनसीआर के अलावा पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश, राजस्थान समेत अन्य राज्यों के यात्रियों का दवाब अधिक होगा। साथ ही विश्व के कोने-कोने से पर्यटक भारत आएंगे। जिससे देखते हुए पयर्टकों को बेहतर ट्रॉसपोर्ट देने की कवायद की जा रही है। प्राधिकरण के अधिकारियों की माने तो जेवर एयरपोर्ट और इंदिरा गांधी एयरपोर्ट को रैपिड रेल सेे जोड़ा जाएगा। दरअसल में दिल्ली और इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से काफी ऐसी उडाने होंगी जो इन एयरपोर्ट से संचालित होंगी। ऐसे में दोनों एयरपोर्ट पर यात्रियों का दवाब बढ़ जाएगा।
कई विकल्प पर किया गया था विचार यात्रियों की सहुलियातों को देखते हुए मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी सिस्टम पर विचार किया जा रहा। दोनों एयरपोर्ट को सडक़ मार्ग, मैट्रो रेल, रैपिड रेल, पॉड टैक्सी, मैट्रीनों, ट्राम व हाइपर लूप आदि पर विचार किया गया था। लेकिन फर्स्ट फेज में मैट्रों व रेपिड़ रेल का प्रस्ताव तैयार किया गया है। एनसीआरटीसी व डीएमआरसी इसका अध्ययन कर रही है। रैपिड रेल को जेवर तक जोड़ने के लिए यमुना एक्सप्रेस-वे के सर्विस रोड से होकर गुजरेगी।
महज 42 मिनट में होगा सफर तय रेपिड रेल से जेवर और इंदिरा गांधी एयरपोर्ट जुड़ने से बेहतर कनेक्टविटी हो जाएगी। इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से जेवर पहुंचने तक महज 42 मिनट का समय लगेगा। रेपिड रेल के इस रुट पर चार स्टेशन बनाने पर विचार किया जा रहा है। ये जेवर, परीचौक, न्यू अशोक नगर व सराय कालेखां में स्टेशन बनाए जाएंगे।