बादलपुर पुलिस ने इस मामले में शानु गुप्ता, अनमोल गुप्ता, दिनेश शर्मा, अमरीश कुमार, विक्की रंजन, अमित और रमेश को एथेनॉल के अवैध भंडारण के आरोप में गिरफ्तार किया है। एसएसपी ने बताया कि पकड़े गए आरोपियो में शानु और अनमोल चचेरे भाई हैं। शानु ही ट्रांसपोर्ट कंपनी का मालिक है। आरोपियों के पास मिले पैनकार्ड और आधार कार्ड पुलिस की जांच में जाली पाए गए हैं। एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि आरोपी नोएडा के सेक्टर-63 स्थित ईएनए (एक्ट्रा नेचुरल अल्कोहल) ट्रांसपोर्ट कंपनी की ओर से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, असम, महाराष्ट्र आदि की डिस्टलरियों से बनकर आने वाली रेक्टीफाइड स्प्रिट ले जाती है। इस गिरोह के लोग हर टैंकर से 250 से 500 लीटर तक शराब बनाने वाली इस सामग्री को निकाल लेते थे। इसके बाद इसे बादलपुर क्षेत्र के छपरौला गांव में बने गोदाम में इकट्ठा करते थे आैर रेक्टीफाइड स्प्रिट में पानी व अन्य सामग्री मिलाकर शराब बनाई जाती थी। फिलहाल पुलिस यह भी पता लगा रही है कि छपरौला के गोदाम के अलावा और कहां-कहां शराब बनार्इ जा रही थी।
बताया जा रहा है कि आरोपी लोकसभा चुनाव से पहले इवनिंग स्प्रिट के नाम से स्वयं की शराब ब्रांड बाजार में उतारने की तैयारी कर रहे थे। योजना को मूर्तरूप देने से पहले ही पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए अवैध कारोबार का खुलासा किया है। बता दें कि इस रसायन से बनी शराब खतरनाक एथेनॉल से तैयार की जाती है। अगर एथेनॉल की मात्रा अधिक हो जाती है तो उससे लोगों की जान चली जाती है। बताया जाता है कि आरोपी एक लीटर एथेनॉल में तीन लीटर पानी मिलाकर शराब बनाते थे।