दरअसल, नगला हुकुमसिंह गांव के रहने वाले किशन सिंह ने 22 वर्षीय बेटे सुनील की हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है। किशन सिंह ने बताया कि 19 अक्टूबर को सुनील किसी काम से घर से निकला था। आरोप है कि इसी बीच पड़ोसी राजीव ने पत्नी ललिता और तीन पुत्रों के साथ सुनील को अपने घर में बंद करते हुए मारपीट की। इसके बाद राजीव ने पुलिस बुलाकर सुनील को थाने में बंद करा दिया। इसके अगले दिन पुलिस ने सुनील को छोड़ दिया तो दोपहर के समय राजीव व उसकी पत्नी ललिता और सतपाल सिंह (पूर्व प्रधान) ने पंचायत बुला ली। इस पंचायत में पंच सतपाल सिंह, बच्चू सिंह, हरिकिशन और ज्योति ने सुनील को राजीव व उसकी पत्नी से पिटवाने का फरमान सुना दिया। इसके बाद राजीव और ललिता सुनील को बांधते हुए जमकर पीटा। सुनील को ललिता ने भरी पंचायत में चप्पलों से पीटा, लेकिन इससे भी राजीव का मन नहीं भरा उसने सुनील का अपना मकसद पूरा नहीं करनी की धमकी दी।
पीड़ित पिता का आरोप है कि 24 अक्टूबर को राजीव ने फिर से सुनील को अपने घर में खींच लिया और सुनील को जहर पिला दिया। उन्होंने सुनील को जेवर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां सुनील ने एक मोबाइल पर अपने बयान रिकाॅर्ड करवाए। इस संबंध में जब पीड़ित पिता ने स्थानीय पुलिस से शिकायत की तो कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद पीड़ित परिजन एसएसपी से मिले। एसएसपी ने वीडियो देखने के बाद स्थानीय पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। अब इस मामले में पुलिस ने पूर्व प्रधान सतपाल, बच्चू सिंह, हरिकिशन, ज्योति के साथ राजीव और ललिता के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।