सावधान! कमजोर आंख वाले और घिसे टायर के साथ नहीं कर सकेंगे सफर, Traffic Police काटेगी मोटा चालान
Highlights:
-यमुना एक्सप्रेसवे पर रोजाना 29 हजार वाहन गुजरते हैं
-करीब 46,000 वाहन हर माह गति सीमा का उल्लंघन कर रहे हैं
-गुरुवार से यमुना एक्सप्रेस-वे पर एक माह के लिए अभियान चलाया गया है

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा। कमजोर आंखों वाले और वाहन के घिसे टायर के साथ सफर करने वालों को अब जुर्माना भरना पड़ सकता है। कारण, यमुना एक्सप्रेस वे पर गुरुवार से एक महीने तक के लिए विशेष अभियान की शुरूआत की गई है। दरअसल, सड़क हादसों को रोकने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संग अधिकारियों की बैठक हुई। जिसमें यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह भी शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए यमुना एक्सप्रेसवे का संचालन कर रही कंपनी को आदेश दिया है। जिसके तहत सफर करने वालों की आंखों की और उनके वाहनों के टायरों की जांच की जाएगी। इस दौरान जिन वाहन चालकों की आईसाइट कमजोर मिलेगी या वाहन के टायर घीसे हुए पाए जाते हैं तो ऐसी स्थिति में उन्हें यमुना एक्सप्रेस-वे पर सफर नहीं करने दिया जाएगा।
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अधिकारियों के मुताबिक एक्सप्रेस-वे पर इस अभियान की शुरुआत गुरुवार सुबह 11.30 बजे से की गई है। यह अभियान 20 फरवरी, 2021 तक संचालित किया जाएगा। इस दौरान सफर करने वाले वाहन चालकों को जागरूक करने के साथ ही उनकी और उनके वाहन की जांच भी कराई जाएगी, ताकि सड़क हादसों को रोका जा सके। वहीं नियमों का उल्लंघन करने वालों के चालान काटे जाएंगे। साथ ही टोल प्लाजा पर ट्रैफिक नियमों का पालन करने और सुरक्षित सफर के लिए पंफलेट भी बांटे जाएंगे।यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि कंपनी को निर्देशित किया गया है कि चालकों की आंखों की जांच की जाए। साथ ही उनके वाहन के टायरों की स्थिति की भी जांच करें। यमुना एक्सप्रेसवे पर सफर करने के लिए वाहन के टायर की रबर कम से कम 30 फीसदी बाकी रहनी चाहिए।
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हादसे रोकने के लिए लगेंगे क्रैश बीम
यमुना एक्सप्रेसवे पर तेज रफ्तार के कारण अनियंत्रित होकर दूसरी तरफ की सड़क पर जाने वाले वाहनों को हादसे से रोकने के लिए सेंट्रल वर्ज पर क्रैश बीम लगाए जाएंगे। इसके लिए एक्सप्रेसवे का संचालन कर रही जेपी कंपनी ने टेंडर निकाला है और 27 जनवरी को कंपनी का चयन किया जाएगा। कंपनी के एक वर्ष में इस कार्य को पूरा करेगी। जानकारी के अनुसार इस योजना पर करीब 76 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। क्रैश बीम करीब तीन फुट ऊंचे होंगे, जिससे हादसा होने पर वाहन उछलकर दूसरी तरफ नहीं जा सकेंगे। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आईआईटी दिल्ली ने यमुना एक्सप्रेसवे का एक सुरक्षा ऑडिट किया था। जिसके बाद टीम ने क्रैश बीम लगाने का सुझाव दिया था।
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