ग्रेटर नोएडा

गैंग्स ऑफ वासेपुर की तरह यूपी के इस शहर में भी गुंडे जेल से चला रहे हैं माफिया राज

जेल से पूरा गैंग चला रहे हैं इनके आका, जिनके नाम से कांपते हैं लोग, अब पुलिस की है इन पर नजर
 

ग्रेटर नोएडाNov 19, 2017 / 04:59 pm

pallavi kumari

jail

ग्रेटर नोएडा. वेस्ट यूपी आपराधिक वारदातों के लिए कई दशक से बदनाम रहा है। गौतमबुद्धनगर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर समेत अन्य जिलों के बदमाशों के नाम से लोग कांपते हैं। सुपारी लेकर हत्या, रंगदारी, अपहरण कर फिरौती मांगने, लूट, प्रॉपट्र्री कब्जाने की वजह से गौतमबुद्धनगर का व्यापारी वर्ग से लेकर आमलोग तक परेशान हैं। गौतमबुद्धनगर में ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वाले कई गिरोेह सक्रिय है। यहां तक की जेल में बंद आकाओं के कहने पर पहले भी मर्डर हो चुके हैं। तिगरी गोलचक्कर पर हुए बीजेपी नेता समेत तीन की हत्या में पुलिस सुपारी हत्याओं की तलाश में जुटी है। पुलिस बंद बदमाशों के इशारे पर हत्या करने वालो के वेस्ट यूपी की जेल से इनपूट खंगलाने में जुटी है। पिछले कई दशक से गौतमबुद्धनगर अपराधियों का गढ़ रहा है।
व्यापारी वर्ग नंदू उफ्र रावण से खौफ मानता था। दरअसल में व्यापारियों से रंगदारी वसूलना और रंगदारी न देने पर व्यापारियों की हत्या करने के आरोप में नंदू के खिलाफ मामले दर्ज हुए थे। बिजनौर से पेशी के दौरान फरवरी 2013 में नंदू की हत्या कर दी गई थी। नंदू के गुर्गो की कमान अनिल दुजाना ने थाम ली। अनिल दुजाना सुपारी लेकर हत्या और प्रॉपर्टी कब्जाने के लिए कुख्यात माना जाता है। बाद में यह नरेश भाटी गैंग से जुड़ गया। नरेश भाटी गैंग पहले से ही यूपी, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और अन्य राज्यों में फैला हुआ है। नरेश भाटी गैंग के कुलबीर भाटी को कासना कोतवाली पुलिस ने इसी माह जेल भेजा है।
 

सुंदर भाटी गैंग-नरेश भाटी गैंग की ट्रॉसपोर्ट विवाद से हुआ था आमना सामना

सिकंदराबाद में ट्रॉसपोर्ट यूनियन को लेकर सुंदर भाटी और नरेश भाटी गैंग के बीच में जंग शुरू हुई थी। विवाद ने गैंगवार का रुप ले लिया। 2003 में मेरठ के खरखोदा में नरेश भाटी पर हमले के दौरान उनका ड्राईवर और गनर मारे गए, जबकि नरेश भाटी बच गया। 28 मार्च को 2004 को चचुला से आते समय घंघोला पुलिया पर नरेश की हत्या कर दी। नरेश की हत्या में सुंदर भाटी का नाम सामने आया था। ट्रॉसपोर्ट विवाद में आ गए आमने-सामने सिकंदराबाद में ट्रॉसपोर्ट यूनियन को लेकर दोनों के बीच में जंग छिड़ गई। फिर दोनों के बीच में खुनी गैंगवार शुरू हो गई। मेरठ के खरखोदा में 2003 में नरेश भाटी पर हमले के दौरान उनका ड्राईवर और गनर मारे गए, जबकि नरेश भाटी बच गया। 28 मार्च को 2004 को चचुला से आते समय घंघोला पुलिया पर नरेश की हत्या कर दी। नरेश की हत्या में सुंदर भाटी का नाम सामने आया था। अभी तक दोनों गैंगों के बीच में हुई गैंगवार में सैकडों लोगों की जान जा चुकी है।
 

अनिल दुजाना भी है कुख्यात अपराधी

दुजाना गांव का अनिल नागर उफ्र अनिल दुजाना अपराध की दूनिया का बादशाह माना जाता है। इसपर दिल्ली, एनसीआर समेत कई राज्यों में एफआईआर दर्ज है। शॉर्प शूटरों से हत्या कराना इसका धंधा है। पहले भी कई बार इसका नाम जुट चुका है। दरअसल में 2013 को नंदू की हत्या कर दी गई। पुलिस की क्रॉस फायरिंग में मारे गए बदमाशों की पहचान घिटोरा खेकड़ा के ब्बलू गुर्जर के रुप में हुई। यह सुंदर भाटी गैंग से जुड़ा बताया गया था। 2 माह बाद ही हापुड में पेशी के दौरान सुंदर गैंग से जुडे चक्रसेनपुर निवासी अशोक की हत्या कर दी। गाजियाबाद के साहिबाबाद में शादी समारोह के दौरान मैरिज होम में सुंदर भाटी पर हमला हुआ। घटना में तीन लोग मारे गए, जबकि सुंदर बच गया। इस हमले में नरेश भाटी गैंग का नाम सामने आया था। वहीं 2013 में सुंदर भाटी से जुड़े खेड़ी गांव के प्रधान जयचंद, एसपी नेता डाबरा निवासी चमन भाटी, धूमखेड़ा निवासी नंदू शर्मा की हत्या को भी गैंगवार से जोड़कर देखा गया। चमन भाटी मर्डर में रणदीप के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई।
पुलिस के रेकॉर्ड में सुंदर भाटी और नरेश भाटी गैंग का नाम सामने आता रहा था। दरअसल में साहिबाबाद में मैरिज होम में हुए हत्याकांड में अनिल दुजाना का नरेश भाटी से हाथ मिलाना सामने आया था। उसके बाद मेंं दादरी में समाजवादी पार्टी के शासन में विजय पंडित की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में नरौली के अन्नी का नाम सामने आया था। इसने भी अपना अलग से एक गैंग बनाया हुआ है। हालाकि अभी जेल में बंद है।

इसलिए है तलाश
तिगरी गोलचक्कर के पास में बहलोलपुर निवासी शिवकुमार की फॉच्र्यूनर कार पर 2 बाइक पर सवार 4 बदमाशों ने ताबड़तोड़ अत्याधुनिक असलहों से फायरिंग कर दी थी। इस दौरान करीब 20 राउंड से अधिक फायरिंग की गई थी। बताया गया है कि पूरी घटना को अंजाम देने के बाद में बदमाश मौके से आराम के साथ में फरार हो गए। घटना में बीजेपी नेता शिवकुमार, प्राईवेट गनर बलीनाथ, रहीसपाल की मौत हो गई थी। वहां से गुजर रही एक युवती की कार की चपेट में आने से मौत हो गई। पुलिस अब शॉर्प शूटरों की तलाश में जुटी है। सुत्रों की माने तो पहले से चली आ रही है गैंगवार में जेल में बंद आका शॉर्प शूटरों का यूज करते है, इसकी वजह से पुलिस हत्या की इस घटना में गैंग्स आॅफ नोएडा की तलाश में जुटी है।

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