दरअसल में 25 साल से बीजेपी नेता रहे मनोज गोयल ने केंद्रीय मंत्री व स्थानीय सांसद डॉक्टर महेश शर्मा पर व्यापारियों के साथ में अभद्रता करने का आरोप लगाया था। इसका फायदा उठाते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें टिकट सौंप दिया। दादरी के लोगों की कहना है कि मनोज गोयल का चुनाव से ऐन वक्त पहले समाजवादी पार्टी में शामिल होने से बीजेपी का वोट बैंक खिसका है। वहीं निर्देलीय प्रेम वत्स ने बीजेपी को काफी नुकसान पहुंचाया है। चुनाव होने के बाद में दादरी में बीएसपी के प्रत्याशी के समर्थकों में खुशी का माहौल है।
लोगों की माने तो मनोज गोयल के जाने से बीजेपी को नुकसान और बीएसपी को फायदा हुआ है। माना यह भी जा रहा है कि प्रेम वत्स को बीजेपी के कैंडीडेट की वोट काटने की वजह से निर्दलीय को लड़ाया गया है। जबकि दादरी में चुनाव जीतना बीजेपी के लिए अहम है। सीट को जीताने के लिए केंद्रीय मंत्री समेत बीजेपी के फायर ब्रांड नेता संगीत सोम भी जोर लगा चुके हैं।
वहीं रबूपुरा में वीरेंद्र सिंह ने नगर पंचायत का चुनाव लड़ा था। ये जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह के भाई हैं। रबूपुरा के लोगों की मानें तो यह सीट बीजेपी के खाते में जा सकती है। धीरेंद्र सिंह ने भाई को चुनाव जीताने के लिए कड़ी मेहनत की थी। किसी वजह से इस सीट से वीरेंद्र सिंह हारते हैं तो यह हार विधायक धीरेंद्र सिंह की होगी। बिलासपुर के लोगों की मानें तो बीएसपी और निर्देलीय प्रत्याशी के बीच में टक्कर होती नजर आ रही है।
बिलापुर से बीएसपी से हरेंद्र शर्मा और निर्दलीय संजय भाई अपनी किस्मत अपना रहे हैं। दनकौर के लोगों की मानें तो नगर पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी की राजवती देवी और बीएसपी के अजय मास्टर के बीच में कड़ी टक्कर हो सकती है।