संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस परीक्षा 2022 में टॉप (UPSC Result Ishita Kishore) करने वाली नोएडा निवासी इशिता किशोर है। जिन्होंने AIR 01 हासिल की है। इशिता ने यह उपलब्धि तीसरे प्रयास में हासिल की है। इन्होने दिल्ली के श्री राम कॉलेज ऑफ कार्मस से इकनॉमिक्स में ग्रेजुएशन की पढाई पूरी की इसके बाद एक मल्टीनेशनल कंपनी में 2 साल तक काम किया इसके बाद सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी में जुट गई।
UPSC टॉपर इशिता किशोर मूल रूप से बिहार की बेटी हैं। दादा की तरफ से भी और नाना की तरफ से भी। ग्रेटर नोएडा के जलवायु विहार में यह परिवार रहता है, लेकिन इशिता मूल रूप से पटना सिटी की रहने वाली हैं। पटना सिटी, मतलब पटना साहिब। और, ननिहाल मूल रूप से सासाराम है। नाना पटना में न केवल रहे, बल्कि एक जमाने में शहर के प्रतिष्ठित समाजसेवी भी थे। इशिता का ननिहाल परिवार लंबे समय तक झारखंड के गुमला में भी रहा।
पिता एयरफोर्स में विंग कमांडर थे, इसलिए पटना के एयरफोर्स बाल भारती स्कूल से पूरी स्कूली शिक्षा हासिल की है। पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं। इशिता जब छोटी थीं, तभी पिता का साया सिर से उठ गया। मां ने इशिता को पढ़ा-लिखाकर इस मुकाम तक पहुंचाया। पिता की एयरफोर्स में नौकरी के चलते वे देश के अलग-अलग जगहों पर रहे और जब उनकी पोस्टिंग हैदराबाद में हुई तब इशिता का जन्म हुआ। इशिता का एक भाई भी है जिसका नाम नवनीत है। फिलहाल इशिता का परिवार यूपी के ग्रेटर नोएडा में रहता है।
अपनी 12 वीं कक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने श्री राम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स, दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला लिया, जहाँ से उन्होंने अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। परीक्षा में टॉप करने पर वह काफी खुश हैं। मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने बताया था कि मुझे सफलता की पूरी उम्मीद थी, लेकिन मेरिट लिस्ट में पहले स्थान प्राप्त होना मेरे लिए सुखद आश्चर्य है। उन्होंने बताया कि यहां तक पहुंचने का उनका सपना कठिनाइंयों भरा रहा है।
इशिता ने ग्रेजुएशन करने के बाद एक मल्टीनेशनल कंपनी में रिस्क एडवाइजर के रूप में करीब दो साल तक काम किया। इसी बीच उनके मन में सिविल सेवा परीक्षा देने का ख्याल आया। और उन्होंने अपना रुख भारतीय प्रशासनिक सेवा की ओर कर लिया। इशिता ने जॉब के साथ साथ सिविल सेवा की तैयारी तो लेकिन पढाई ठीक नही होने के कारण दो बार प्रिलिमिनरी में असफल रही। इसके बाद भी इशिता ने हार नही मानी और नौकरी छोड़ पूरी तरह से तैयारी में लग गई और अपने तीसरे प्रयास में सिविल सेवा एग्जाम में टॉप किया। इशिता ने ग्रेजुएशन भले ही अर्थशास्त्र में किया है लेकिन सिविल सेवा परीक्षा में ऑप्शनल सब्जेक्ट पॉलिटिकल साइंस एंड इंटरनेशनल रिलेशंस है।
इशिता ने अपने तीसरे प्रयास में देश में सिविल सेवा एग्जाम में पहला स्थान हासिल कर (UPSC Result 2023 Ishita Kishore) यह साबित कर दिया कि मेहनत और लग्न के आगे हर प्रयास को जीता जा सकता है। इशिता ने इस सफलता का श्रेय अपनी मां को दिया है और कहा है कि इस सफलता में कई लोगों का हाथ रहा है, आप अकेले रहकर इतनी बड़ी सफलता हासिल नहीं कर सकते। इशिता की मां ज्योति किशोर ने बताया, “मैं बहुत खुश हूं। बेटी इशिता की बहुत अच्छी तैयारी रही है और वो हमेशा इसके प्रति फोकस्ड भी रही है। उन्होंने कहा कि पूरा परिवार हमेशा इशिता के लिए सपोर्टिव रहा है। सारे लोग बहुत सपोर्ट करते हैं। एक मां के रूप में जो करना चाहिए वो मैंने भी किया।”
aste Of UPSC Topper Ishita Kishore:सोशल मीडिया में चक्कर में आप पड़ेंगे तो इशिता किशोर की आपको कई जाति मालूम हो जाएंगीं। सोशल मीडिया में दलित समाज उन्हें दलित कह रहा, यादव समाज उन्हें इशिता किशोर यादव कह रहा, कायस्त उन्हें वैश्य जाति का होना बता रहे और कुछ उन्हें इशिता किशोर कुशवाहा कह रहे हैं। लेकिंन इशिता ने अबतक अपनी जाति के बारे में कुछ नहीं कहा। वो तो IAS अधिकारी बन गईं। उन्हें जात-पात से क्या लेना देना?
Kishore surname belongs to which caste: Google भी इस सवाल का सही जवाब नहीं दे पा रहा है। लेकिन बिहार के नेता प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ब्राम्हण हैं। लेकिन इशिता किशोर और प्रशांत किशोर की स्पेलिंग में ‘E’ का फर्क है. वो Ishita Kishore हैं और वो Prashant Kishor हैं।