पहाड़ खोदकर निकाली गए थे शव
बुधवार को इराक के स्वास्थ्य मंत्रालय के अंडर काम करने वाले फोरेंसिक मेडिसिन विभाग ने इन भारतीयों के शवों का डीएनए टेस्ट कराया। आपको बता दें कि जैसे कि सुषमा स्वराज ने बताया था कि इन शवों को मार्टर्स फाउंडेशन ने एक पहाड़ को खोदकर निकाला था। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉक्टर जैद अली अब्बास ने बताया कि मारे गए ज्यादातर लोगों की मौत सिर में गोली मारे जाने से हुई थी।
बुधवार को इराक के स्वास्थ्य मंत्रालय के अंडर काम करने वाले फोरेंसिक मेडिसिन विभाग ने इन भारतीयों के शवों का डीएनए टेस्ट कराया। आपको बता दें कि जैसे कि सुषमा स्वराज ने बताया था कि इन शवों को मार्टर्स फाउंडेशन ने एक पहाड़ को खोदकर निकाला था। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉक्टर जैद अली अब्बास ने बताया कि मारे गए ज्यादातर लोगों की मौत सिर में गोली मारे जाने से हुई थी।
अगले हफ्ते तक परिवारों को सौंपे जाएंगे शव
रिपोर्ट में ये भी सामने आया है कि जब शवों को खोदकर बाहर निकाला गया था तो सिर्फ कंकाल ही मिले थे। फोरेंसिक रिपोर्ट के अनुसार कहा जा सकता है कि इन लोगों की मौत करीब एक साल पहले हो गई थी। आपको बता दें कि मंगलवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में 39 फैक्टरी मजदूरों की मौत की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि इन सभी मजदूरों को ISIS ने मार दिया है। जानकारी के मुताबिक, अगले हफ्ते तक सभी बॉडीज को उनके परिवारों को सौंप दिया जाएगा।
रिपोर्ट में ये भी सामने आया है कि जब शवों को खोदकर बाहर निकाला गया था तो सिर्फ कंकाल ही मिले थे। फोरेंसिक रिपोर्ट के अनुसार कहा जा सकता है कि इन लोगों की मौत करीब एक साल पहले हो गई थी। आपको बता दें कि मंगलवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में 39 फैक्टरी मजदूरों की मौत की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि इन सभी मजदूरों को ISIS ने मार दिया है। जानकारी के मुताबिक, अगले हफ्ते तक सभी बॉडीज को उनके परिवारों को सौंप दिया जाएगा।
ISIS के कब्जे में था मोसुल
सुषमा ने बताया था कि जिस वक्त भारतीयों को मारा गया था, उस समय मोसुल में किसी भी तरह का ऑपरेशन संभव नहीं था, क्योंकि उस समय मोसुल पर ISIS का पूरी तरह से कब्जा था। वहीं दूसरी तरफ सुषमा स्वराज के बयान के बाद से ही मारे गए लोगों के परिजन नाराज हैं। कई परिवारवालों का कहना है कि सरकार की ओर से उन्हें लगातार कहा जा रहा था कि वह जिंदा हैं।
सुषमा ने बताया था कि जिस वक्त भारतीयों को मारा गया था, उस समय मोसुल में किसी भी तरह का ऑपरेशन संभव नहीं था, क्योंकि उस समय मोसुल पर ISIS का पूरी तरह से कब्जा था। वहीं दूसरी तरफ सुषमा स्वराज के बयान के बाद से ही मारे गए लोगों के परिजन नाराज हैं। कई परिवारवालों का कहना है कि सरकार की ओर से उन्हें लगातार कहा जा रहा था कि वह जिंदा हैं।