“घर का मुखिया मैं, मैं ही करूंगा फैसला”
रियाद में एक निजी टैक्सी कंपनी चलाने वाले शख्स का कहना है कि सरकार प्रतिबंध हटा सकती है, लेकिन लोगों को इसके लिए बाध्य नहीं कर सकती कि वे अपनी पत्नी और बहनों को कार चलाने की इजाजत दें। एक अन्य शख्स ने कहा कि अपने परिवार का मुखिया होने के नाते मैं ही फैसला करूंगा, न कि महिलाएं।
पुरुषों की इस सोच के चलते लग रहा है कि मोहम्मद बिन सलमान की सुधारवादी सोच जमीन पर नहीं उतर पाएगी। सलमान अपने शासन को उदार बनाते हुए चाहते हैं कि कामकाजी महिलाओं की संख्या बढ़े। हालांकि प्रशासन महिलाओं के पक्ष में वातावरण बनाने का काम कर रहा है। पिछले सप्ताह ही एक व्यक्ति को महिला ड्राइवर को धमकाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस व्यक्ति ने ऑनलाइन वीडियो में कहा कि मैं खुदा की कसम खाता हूं कि मैं महिला और उसकी कार दोनों को जला डालूंगा।
सोशल मीडिया पर भी विरोध
सोशल मीडिया पर सऊदी अरब के पुरुषों ने इस कदम के खिलाफ लिखा है। एक ट्विटर यूजर ने लिखा है, इसके बाद ज्यादा दुर्घटनाएं होंगी। इस तरह के रवैये से महिलाओं के बीच एक डर बैठ गया है। ड्राइविंग लाइसैंस के लिए भी महिलाओं को जद्दोजहद करनी पड़ रही है और उन्हें लगता है कि टेस्ट में उन्हें जानबूझकर फेल किया जा सकता है।