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सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर विशेषज्ञों का दावा, बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण कर रहा सऊदी अरब

locationनई दिल्लीPublished: Jan 27, 2019 09:41:01 am

Submitted by:

Mohit Saxena

बताया जा रहा है कि यह परीक्षण ईरान के परमाणु हथियारों के जवाब में किया गया है

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सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर विशेषज्ञों का दावा, बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण कर रहा सऊदी

दुबई। अमरीका का सहयोगी समझा जाने वाला और प्रमुख तेल उत्पादक सऊदी अरब अब अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। विशेषज्ञों और सैटेलाइट से मिली तस्वीरों के आधार पर दावा किया जा रहा है। इसके अनुसार सऊदी के एक सैन्य अड्डे पर बैलिस्टिक मिसाइलों के निर्माण और परीक्षण का काम चल रहा है। बताया जा रहा है कि यह परीक्षण ईरान के परमाणु हथियारों के जवाब में किया गया है।
परमाणु हथियार विकसित करने में हिचक नहीं होगी

बीते साल साल सऊदी अरब के शक्तिशाली क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इस बात के संकेत भी दे दिए थे। सलमान ने कहा था कि अगर ईरान इस तरह के प्रोग्राम चलाता है तो देश को परमाणु हथियार विकसित करने में जरा भी हिचक नहीं होगी। बैलिस्टिक मिसाइलें हजारों किमी दूर तक परमाणु हथियार ले जा सकती हैं। वहीं, रियाद में अधिकारियों और वॉशिंगटन में सऊदी दूतावास के अधिकारियों ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
अमरीका से बढ़ सकता है तनाव

इस तरह के प्रोग्राम के चलते अमरीका के साथ सऊदी के रिश्ते और भी तनावपूर्ण हो सकते हैं। अमरीका, सऊदी का लंबे समय से सिक्योरिटी पार्टनर रहा है। वॉशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार जमाल खशोगी की हत्या और यमन में सऊदी के नेतृत्व में जंग के चलते दोनों देशों के रिश्ते पहले से ही उतने अच्छे नहीं चल रहे हैं। वॉशिंगटन में इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर स्ट्रैटिजिक स्टडीज में मिसाइल डिफेंस के सीनियर फेलो माइकल एलमैन ने सैटेलाइट तस्वीरों की जांच की है। उन्होंने साफ कहा कि उन्हें लगता है कि वहां बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम पर काम हो रहा है। हालांकि सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस तरह की फसिलटी बनाने के लिए आवश्यक तकनीकी ज्ञान सऊदी अरब को कहां से मिला।’
चीन पर शक की सुई

विशेषज्ञों के अनुसार सऊदी का स्टैंड ठीक उस तरह का दिखता है जैसा डिजाइन चीन इस्तेमाल करता है। हालांकि यह छोटा है। सऊदी को चीन से मिलने वाला सैन्य सहयोग कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी। चीन ने लगातार सऊदी और दूसरे मध्यपूर्व के देशों को बड़ी संख्या में सशस्त्र ड्रोन बेचे हैं। उधर,अमरीका ने इसकी बिक्री पर रोक लगा रखी है। बीजिंग ने अपने कई बैलिस्टिक मिसाइल रियाद को बेचे हैं। इससे आशंका जताई जा रही है कि हो सकता है कि तकनीकी जानकारी सऊदी को चीन से मिली हो।
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