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हादसे में बेटे को खोने वाले भारतीय ने लिया संकल्प, Dubai में फंसे 61 लोगों को भेजा घर

locationनई दिल्लीPublished: Jul 29, 2020 02:38:30 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

Highlights

पिता कृष्ण कुमार के अनुसार उनके 19 साल के बेटे रोहित की हादसे में मौत हो गई।
कृष्‍ण कुमार (Krishna kumar) ने सामाजिक सेवा में अपने आपकों को व्यस्त कर लिया है।

krishna Kumar and his son

कृष्ण कुमार अपने बेटे के साथ। (फाइल फोटो)

दुबई। दुबई (Dubai) में एक हादसे में अपने बेटे को खोने वाले भारतीय मूल के व्यवसायी ने 61 भारतीयों को घर लौटने में मदद की है। टीएन कृष्ण कुमार ने इन यात्रियों का पूरा खर्च वहन किया है। कृष्ण कुमार (Krishna Kumar) के अनुसार उनके 19 साल के बेटे रोहित और पड़ोसी शरत कालेज खत्म होने के बाद छुट्टियां मनाने बाहर गए थे। इस दौरान एक हादसे में दोनों की मौत हो गई।
रोहित के जाने के दुख को भुलाने में लगे हैं

केरल में अपने बेटे का अंतिम संस्‍कार (Funeral) कर लौटे कृष्‍ण कुमार ने संकल्प लिया है कि वह अब अपना समय सामाजिक सेवा में बिताएंगे। कृष्‍ण कुमार लंबे समय से सामाजिक सेवा में जुटे हुए हैं। बेटे जाने के दुख में उनकी पत्‍नी अभी तक उबर नहीं पाई है। वहीं कृष्‍ण कुमार सामाजिक सेवा में अपने आपकों को व्यस्त कर लिया है। इस तरह से वे रोहित के जाने के दुख को भुलाने में लगे हैं।
कोरोना संकट (Coronavirus) में लोगों की मदद के लिए कृष्‍ण कुमार ने ऑल केरला कॉलेज एल्मुनाई फेडरेशन वॉलंटियर ग्रुप को फंड दिया है। यह समूह केरल के 150 कॉलेजों के छात्रों ने मिलकर तैयार किया है। यह समूह जरूरतमंद लोगों को खाने के साथ जरूरी मेडिकल सेवाएं देता है। इसके साथ ही जो लोग घर नहीं लौट पा रहे हैं, उन्हें यात्रा टिकट देकर मदद कर रही है।
दूसरों की भलाई और मदद के कामों में लगा दिया है

कृष्‍ण कुमार ने अपने खर्चे से 61 भारतीयों को चार्टर्ड विमान से भारत वापस भेजा। टीएन कृष्णकुमार के अनुसार बेटे की मौत से वे बिल्कुल बिखर गए हैं। इसके बाद वे दूसरों की भलाई और मदद के कामों में लगा दिया है। उन्‍होंने कहा कि सिर्फ पैसा ही सबकुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि जो कुछ बनाया था वह अपने बेटे के लिए था। उसके जाने के बाद कुछ खत्म हो गया है। कृष्ण कुमार का कहना है कि उनका एकमात्र बेटा रोहित कृष्णकुमार अपनी पढ़ाई ब्रिटेन में कर रहे थे। मैनचेस्टर विश्वविद्यालय में वे तीसरे वर्ष के मेडिकल छात्र थे।
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