तेहरान : ईरान के साथ न्यूक्लियर डील को अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से कूड़ा करार दिए जाने और उसे चालू रखने के लिए नए सख्त कानून लाने की बात कहने के बाद ईरान ने पलट कर अमरीका को सीधे शब्दों में चेतावनी दी है। उसने कहा है कि उसे न्यूक्लियर डील में किसी भी तरह का संशोधन स्वीकार नहीं है। ईरान के विदेश मंत्रालय ने कड़े शब्दों में शनिवार को परमाणु सौदे में किसी भी तरह के बदलाव के प्रस्ताव को मानने से इनकार किया और यह भी कहा कि वह इस तरह के किसी भी प्रस्ताव को भविष्य में भी स्वीकार नहीं करेगा। इसे अन्य किसी मुद्दे से जोडऩे की भी अनुमति नहीं देगा।
ईरान ने जुलाई 2015 में अमरीका समेत दुनिया की 6 बड़ी परमाणु ताकतों से परमाणु समझौता किया था। इसे ज्वाइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (जेसीपीओए) नाम से जाना जाता है। इससे पहले शुक्रवार को ट्रंप ने ईरान पर परमाणु प्रतिबंधों की छूट को एक बार फिर बरकरार रखा था, लेकिन यूरोपियन साझीदारों से उन्होंने कहा था कि वे अमरीका के साथ मिलकर ईरान के साथ हुई परमाणु समझौते की गड़बडिय़ों को दूर करें, नहीं तो अमरीका इससे खुद को बाहर कर लेगा। ट्रंप ने कहा कि नई डील ऐसी होनी चाहिए कि ईरान के मिसाइल कार्यक्रम पर रोक लगे और उसके न्यूक्लियर प्लांट्स पर स्थायी तौर पर प्रतिबंध लगाया जाए। इससे पहले भी ट्रंप ईरान के साथ हुई न्यूक्लियर डील पर दो बार सख्त टिप्पणी कर चुके हैं। बराक ओबामा के कार्यकाल में हुई इस डील को ट्रंप ‘अब तक की सबसे बुरी डील’ करार दे चुके हैं। अब उन्होंने अपने यूरोपीय सहयोगियों से कहा है कि वे ईरान के साथ नए डील पर 120 दिनों में अगर राजी नहीं होते हैं तो अमरीका खुद को इस डील से अलग कर लेगा।
ट्रंप के इस बयान के तुरंत बाद ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने ट्वीट कर कहा कि 2015 की डील पर अब और कोई बात नहीं होगी। अमरीका को लगातार भडक़ाऊ बयान देने के बजाय डील का सम्मान करना चाहिए, जैसे ईरान कर रहा है। जरीफ के इस ट्वीट के बाद ईरान के विदेश मंत्रालय की तरफ से भी बयान जारी किया गया। बयान में यूएस ट्रेजरी की ओर से शुक्रवार को 14 व्यक्यिों पर मानवाधिकारों से जुड़े मसलों और ईरान के मिसाइल प्रोग्राम को लेकर नए प्रतिबंध लगाए जाने की आलोचना की गई। खासकर ईरान की न्यायपालिका के प्रमुख अयातुल्लाह सादेह लरिजानी का नाम प्रतिबंधित व्यक्तियों की सूची में रखे जाने पर उसने कड़ी प्रतिक्रिया जताई। ईरान ने कहा कि ज्यूडिशियरी चीफ का नाम प्रतिबंधों की सूची में रखकर अमरीका ने मर्यादा की सभी सीमा लांघ दी है। अमरीका सरकार को इस तरह के शत्रुतापूर्ण कदम के नतीजों की जिम्मेदारी लेनी होगी।
ईरान का कहना है कि अमरीका ने ईरान की गैर-परमाणु गतिविधियों जैसे मानवाधिकार और मिसाइल परीक्षणों पर प्रतिबंध जारी रखा है और इस तरह न्यूक्लियर डील से ईरान को जिस वित्तीय फायदे की उम्मीद थी, वह नहीं हो रहा है।
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