‘खुद की असफल नीतियों का गुलाम बन गया है अमरीका’
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जरीफ ने कहा कि अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो द्वारा रेखांकित किए गए इन कदमों से पता चलता है कि अमरीका खुद की असफल नीतियों का गुलाम बन गया है लेकिन उसे (अमरीका) इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इसके अलावा यूरोपीय संघ (ईयू) की विदेश नीति के प्रमुख फेडेरिका मोगरिनी ने भी अमरीका के इस रुख की आलोचना की।
2015 परमाणु समझौते से पीछे हटने का कारण वाजिब नहीं
इस विषय में फेडेरिका ने कहा कि पोम्पियो यह बताने में असफल रहे हैं कि 2015 परमाणु समझौते से पीछे हटने से मध्यपूर्व किस तरह सुरक्षित रहेगा। उन्होंने आगे कहा, ‘इस समझौते का कोई विकल्प नहीं है।’ फेडेरिका ने ये भी कहा कि यदि ईरान अपने वादों से जुड़ा रहता है तो ईयू भी इस समझौते से पीछे नहीं हटेगा।
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कारोबार के लिए अमरीका और ईरान के बीच करना होगा चुनाव
आपको बता दें कि ईयू के आधिकारिक रुख के बावजूद यूरोप की कुछ बड़ी कंपनियां जो पहले ईरान के साथ कारोबार करने के लिए तत्पर रहती थीं अब वे कारोबार के लिए अमरीका और ईरान के बीच में से किसी एक को चुनने के लिए मजबूर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि 2015 के परमाणु समझौते के बाद अमरीकी प्रतिबंध हटा दिए गए थे लेकिन अब इन्हें दोबारा लगा दिया जाएगा और ये नए प्रतिबंध ईरान पर अप्रत्याशित वित्तीय दबाव बढ़ाएंगे।