जरीफ ने ट्विटर पर लिखा, “अमरीका ने तानाशाहों, कसाइयों और अतिवादियों का समर्थन किया है, जो केवल हमारे क्षेत्र में बर्बादी लेते आए हैं।” जरीफ ने कहा, “अमरीकी दबाव के बावजूद हमारे देश में रहने वाले यहूदी समेत ईरान के लोग 40 साल की प्रगति को याद कर रहे हैं, क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप ने फिर स्टेट ऑफ द यूनियन अड्रेस-2019 में हम पर आरोप लगाए हैं।” उन्होंने आगे कहा, “अमरीकी शत्रुता से तानाशाहों, हत्यारों और अतिवादियों को समर्थन मिला है, जिन्होंने हमारे क्षेत्र को सिर्फ नुकसान पहुंचाया है।”
ट्रंप, ईरान और 2015 की संयुक्त व्यापक योजना की कठोर आलोचक रहे हैं। आमतौर पर ईरान परमाणु समझौता कहे जाने वाले इस मसौदे से अमरीका ने अपने हाथ पीछे खींच लिए थे। 2017 में पदभार संभालने से पहले ट्रंप ने इस समझौते की आलोचना शुरु कर दी थी। राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने अंतिम संधि से अमरीका के पीछे हटने का नेतृत्व किया। बाद में उन्होंने ईरान पर गंभीर प्रतिबंध लगा दिए।
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