पीएम ने राजधानी में लगाई थी कर्फ्यू
आपको बता दें कि गुरुवार को प्रधानमंत्री ने अगली सूचना तक राजधानी में कर्फ्यू की घोषणा की थी। यह ऐलान बगदाद में और साथ ही मध्य और दक्षिणी प्रांतों में दो दिनों के हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद किया गया था। ‘इराकी इंडिपेंडेंट हाई कमीशन फॉर ह्यूमन राइट्स’ के सदस्य अली अल-बयाती द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार से लेकर चार दिनों के विरोध प्रदर्शन के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 61 हो गई है।
‘विरोध प्रदर्शनों में कई नागरिक और सुरक्षाकर्मी मारे गए’
अल-बयाती ने कहा, ‘विरोध प्रदर्शनों में कई नागरिक और सुरक्षाकर्मी मारे गए, जबकि 363 सुरक्षाकर्मियों सहित 1,952 घायल हुए हैं।’ बता दें कि प्रदर्शनकारी इस बात को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं कि इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकवादियों को हराने के दो साल बाद भी इराक भर में लाखों लोग अभी भी बदतर स्थिति में रह रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने बेहतर जीवन, नौकरी के अवसर और बुनियादी सुविधाएं देने की मांग की है। इन लोगों ने देश की बदतर स्थिति के लिए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और सरकार की अक्षमता को जिम्मेदार ठहराया है। लोग चरम पर पहुंची बेरोजगारी को लेकर आवाज उठा रहे हैं।