प्रदर्शनकारियों ( Protesters ) के एक प्रवक्ता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि देश में लगभग चार महीने पहले शुरू हुए सरकार विरोधी प्रदर्शन के केंद्र बगदाद ( Baghdad ) स्थित तहरीर स्क्वायर पर प्रदर्शनकारियों ने अलवी को पहले ही खारिज कर दिया।
इराक: चार महीने से चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शन के बीच मुहम्मद तौफीक अल्लावी बने नए प्रधानमंत्री
उन्होंने बताया कि स्क्वायर पर प्रदर्शनकारियों द्वारा रखी गईं शर्तो के बावजूद राजनीतिक दमन के अधिकार देश को अंधेरे में ले जाना चाहते हैं। बता दें कि बीते शनिवार को राष्ट्रपति बरहम सालेह ( President Barham Saleh ) ने बतौर प्रधानमंत्री मोहम्मद तौफीक अल्लावी की नियुक्ति की घोषणा की थी। पूर्व प्रधानमंत्री अदेल अब्देल महदी ने दो महीने पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
प्रदर्शनकारियों के अनुसार, अल्लावी ‘2003 से देश को बरबाद करने वाली राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा रहे हैं’, जब अमरीका ने इराक में घुसपैठ कर सद्दाम हुसैन का शासन ढहा दिया। उन्होंने अन्य शहरों में भी साथी प्रदर्शनकारियों से भी अगले शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए तैयार रहने का आवाह्न किया।
मांग पूरी न होने तक जारी रखें प्रदर्शन: अल्लावी
आपको बता दें कि आधिकारिक घोषणा के बाद शनिवार को तौफीक अल्लावी ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से प्रदर्शनकारियों से संवाद किया था। उन्होंने ट्वीटर पर पोस्ट किए अपने वीडियो संदेश में प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा था ‘मुझे आपकी वजह से सत्ता मिली है। आपके साहस और बलिदान की वजह से देश में बदलाव आया है। आपने अपने देश के लिए के लिए प्रदर्शन किया। अगर मैं आपकी मांगों को पूरा करने में सक्षम नहीं होता हूं तो मैं इस पद के लिए अयोग्य हूं।’
तौफीक अल्लावी ने आगे अपने संदेश में प्रदर्शनकारियों से कहा कि वे तब तक प्रदर्शन जारी रखें, जब तक की आपकी मांग पूरी न हो जाए। 65 वर्षीय अल्लावी ने प्रदर्शनकारियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा के वे पीछे न हटें और प्रदर्शन जारी रखें।
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अल्लावी ने अपने संबोधन में लोगों से वादा किया कि विरोध प्रदर्शन मारे गए 467 लोगों के परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा और घायल हुए 9,000 से अधिक लोगों के लिए उचित चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित की जाएगी।
गौरतलब है कि 65 वर्षीय अल्लावी पूर्व प्रधानमंत्री नूरीअल-मलिकी की सरकार में साल 2006 और 2010 में संचार मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने इस पद से तत्कालीन प्रधानमंत्री पर राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप लगाकर इस्तीफा दे दिया था।
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